delhi. केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान काला धन कानून, भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम और नोटबंदी के रूप में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से 1,30,000 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्तियां कर के दायरे में आई हैं। उन्‍होंने कहा कि इन उपायों से लगभग 50,000 करोड़ की परिसंपत्तियां जब्त और कुर्क की गई हैं और बड़ी मात्रा में नकदी रखने वाले लोगों को अपनी आय के साधन बताने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार देश से काले धन की बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि इस अवधि के दौरान, लगभग 6,900 करोड़ रुपये की बेनामी परिसंपत्तियां और 1,600 करोड़ रुपये की विदेशी परिसंपत्तियां को जब्त कर लिया गया है, जबकि 3,38,000 शेल कंपनियों की पहचान की गई है और उनके निदेशकों को अयोग्‍य घोषित किया गया है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष कर संग्रहण में 18 प्रतिशत की वृद्धि और वित्त वर्ष 2017-18 में पहली बार 1.06 करोड़ लोगों के आय कर विवरणी दाखिल करने से कर संग्रह में वृद्धि हुई है। यह विशेष रूप से विमुद्रीकरण के कारण ही संभव हो सका है।

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