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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने युवाओं के हित में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण में अचल संपत्ति संबंधी जटिल प्रावधानों को हटाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश की शिक्षण संस्थाओं एवं राजकीय सेवाओं में ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान को हटा दिया है। केन्द्र सरकार भी राज्य सरकार की तरह युवाओं को राहत देने के लिए यह कदम उठाए।

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने पहल करते हुए प्रदेश में तो ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान हटा दिए हैं लेकिन केन्द्र की सेवाओं और शिक्षण संस्थाओं के लिए यह प्रावधान पहले की तरह ही लागू हैं। इसके चलते प्रदेश के युवाओं को राज्य एवं केन्द्र के लिए अलग-अलग प्रमाण पत्र बनवाने पड़ रहे है। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र सरकार भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान हटाने का निर्णय लेती है तो इससे नौजवानों को अलग-अलग प्रमाण पत्र बनाने की परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी और उन्हें शिक्षा एवं रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी।

श्री गहलोत ने बताया कि ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र बनाने के लिए संपत्ति का मूल्य निर्धारण करना एक जटिल प्रक्रिया है जिससे इस वर्ग को आरक्षण का लाभ लेने में परेशानी होती है। ऎसे में इसका सरलीकरण किया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी आशा की है कि राजस्थान सरकार के इस नवाचार को अपनाने के लिए अन्य राज्य भी प्रेरित होंगे और युवा पीढ़ी को जटिलताओं से मुक्ति मिलेगी।

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