जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों के बीच आगे भी मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की बात कही है। गहलोत ने अहमदाबाद और दिल्ली में बुधवार को मीडिया से कहा- अभी मुझे हाईकमान ने दो जिम्मेदारी दे रखी है। एक गुजरात में सीनियर ऑब्जर्वर और दूसरी मुख्यमंत्री की। दोनों निभाता रहूंगा। वापस सरकार रिपीट कैसे हो यह मेरा प्रयास रहेगा। कांग्रेस अध्यक्ष पर नाम तय होने की चर्चा के सवाल पर गहलोत ने कहा- लंबे अरसे से मीडिया में चल रहा है। अभी आगे फैसला क्या होगा? क्या नहीं होगा? किसी को नहीं मालूम। सोनिया गांधी आज बाहर गई हैं। चैकअप के लिए वे जाती रहती हैं। मेरे पास ऑफिशियल दो जिम्मेदारी है। उसे निभाता रहूंगा। कल हम कर्टसी कॉल के लिए गए थे। मैं और वेणुगोपाल गुजरात जा रहे थे। इससे पहले हमने उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा- एआईसीसी ने किसी को ब्रीफ किया क्या? चर्चा चलाने के लिए आप लोग स्वतंत्र हैं, उसका मैं क्या कर सकता हूं। अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा के बाद पहली बार गहलोत ने मुख्यमंत्री पद पर आगे भी जिम्मेदारी निभाते रहने का बयान दिया है। गहलोत के आज के बयानों को लेकर सियासी हलकों में कई तरह की चर्चा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि गहलोत ने साफ तौर पर यह बयान देकर राजस्थान नहीं छोड़ने और सीएम पद पर बने रहने का ही इशारा किया है। साथ ही उन्होंने फाइनल फैसला होने तक इंतजार करने की बात कहकर विकल्प भी खुले रखे हैं। अशोक गहलोत के कांग्रेस के अध्यक्ष बनने की सियासी हलकों में कई दिनों से चर्चा है, लेकिन पिछली दिल्ली यात्रा के दौरान उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया। पिछले सप्ताह भर से हर रोज गहलोत से उनके अध्यक्ष पद पर नाम चलने पर सवाल हो रहे हैं। उन्होंने हर बार खुद को इस रेस में होने से साफ इनकार करते हुए राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग रखी है। आज अहमदाबाद और दिल्ली दोनों जगहों पर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग वाला बयान नहीं दिया। गहलोत पिछले सप्ताह एक टीवी इंटरव्यू में अध्यक्ष बनने से साफ इनकार कर चुके हैं। गहलोत ने कहा था- उनका अध्यक्ष बनने का बनता ही नहीं है, मैं मना कर रहा हूं।
कांग्रेस में मेंबरशिप अभियान पूरा हो चुका है। अब संगठन चुनाव फाइनल स्टेज पर हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए कभी भी कार्यक्रम जारी हो सकता है। पार्टी संविधान के हिसाब से अध्यक्ष का चुनाव होगा। हालांकि कांग्रेस में आमतौर पर गांधी परिवार के सामने कोई नॉमिनेशन ही नहीं करता, इसलिए सर्वसम्मति से ही फैसला होता है। कांग्रेस अध्यक्ष पद पर इस बार चुनाव कार्यक्रम जारी होने के बाद असली तस्वीर साफ होगी। गांधी परिवार इस बार गैर गांधी को अध्यक्ष बनाने का दाव चल सकता है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की 28 अगस्त को वर्चुअल बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में 4 सितंबर की महंगाई हटाओ रैली के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर फैसला होने की संभावना है। बैठक में चर्चा के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन पर फैसला होगा।

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