जयपुर। ऐसे समय में जब देशभर में मुसलमानों की देशभक्ति पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं तब मशहूर फिल्म निर्माता-अभिनेता सरोश खान ने ध्वजारोहण की एक नई परंपरा शुरू कर मिसाल कायम की है। हुआ यूं की सरोश खान मंगलवार को जयपुर की समर्पण संस्था में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस मौके पर जब उन्होंने ध्वाजारोहण किया तो अपने जूते खोलकर सबको चौंका दिया। समारोह के बाद जब खान से इसकी वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगा देश का सबसे बड़ा प्रतीक है। इसके लिए हमारे मन में वही श्रद्धा होनी चाहिए जो भगवान के लिए होती है। उन्होंने कहा कि हम मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा. कहीं भी जूते पहनकर नहीं जाते हैं तो तिरंगा जूते पहनकर क्यों फहराएं।

पे-बेक, कोटा जंक्शन और भवरी जैसी चर्चित फिल्में बनाने वाले सरोश खान ने ध्वज संहिता में भी संशोधन करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ध्वज संहिता में यह नियम सबसे ऊपर होना चाहिए कि ध्वजारोहण नंगे पैर करना चाहिए। खान कहते हैं कि तिरंगा भारत की आन-बान-शान की पहचान है। इसके सम्मान के लिए हम जितना कर लें वह कम है। तिरंगे को निर्विघ्न लहराने की खातिर ही तो स्वतंत्रता संग्राम में हजारों सैनानियों ने अपने प्राणों की आहूति दे दी।
गौरतलब है कि सरोश खान ने देश में चंद लोगों द्वारा गोवध व गोरक्षा के नाम पर फैलायी जा रही हिंसा व उन्माद के खिलाफ जनमानस को एकजुट करने के लिए पिछले दिनों गाय का पूजन कर गृह प्रवेश करवाकर सबको चौंकाया था। वे कहते हैं कि गाय में जितनी श्रद्धा हिंदुओं की है उतनी ही मुसलमानों की भी है। कोई भी सच्चा मुसलमान गोहत्या नहीं करता। देश का आम मुसलमान न तो पहले गौमांस खाता था न अब खा रहा है और न कभी खाएगा। जो चंद मुसलमान ऐसा कर यहे हैं उन सबके राजनीतिक स्वार्थ हैं। इनका मकसद सिर्फ माहौल खराब करना है। इनकी आड़ में पूरी कौम को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने ऐसे लोगों को करारा जवाब देने के लिए प्रत्येक मुस्लिम परिवार से एक गाय पालने की अपील की।

LEAVE A REPLY