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भोपाल। सीबीआई ने मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा ली गई प्री-मेडिकल टेस्ट-2013 के 491 आरोपियों को आरोपपत्र की कागजी कॉपी की बजाय एक-एक डीवीडी दी हैं। व्यापमं सरकारी नौकरियों के लिए ली गई भर्ती परीक्षा एवं मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की पीएमटी परीक्षा में घोटाले के लिए बहुचर्चित है। व्यापमं मामलों के विशेष लोक अभियोजक सतीश दिनकर ने आज ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने सीबीआई के न्यायाधीश एससी उपाध्याय की विशेष अदालत में आरोपियों अथवा उनके वकीलों को करीब 39,500 पेज के आरोपपत्र की डीवीडी दे दी है, जिसमें इन्क्लोजर (संलग्न पत्र) भी शामिल हैं।’’ उन्होंने कहा कि व्यापमं घोटाले में अभियोजन एजेंसी सीबीआई ने पीएमटी-2013 के आरोपियों को कल से आरोपपत्र की डीवीडी देना शुरू कर दिया था और यह प्रक्रिया आज पूरी हो गई है। दिनकर ने बताया कि सीबीआई ने इन आरोपियों के खिलाफ 31 अक्तूबर 2017 को अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था, लेकिन न्यायाधीश ने आदेश दिये थे कि इस आरोपपत्र की एक…एक प्रति प्रत्येक आरोपी को उपलब्ध करायी जाये।

उन्होंने कहा कि इसलिए सीबीआई ने इस आरोपपत्र की गाजियाबाद में डीवीडी बनाई और हर आरोपी को आरोपपत्र की डीवीडी दी गयी। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि यह आरोपपत्र तकरीबन 1500 पेजों की है। इसके अलावा, इसमें 38,000 संलग्न पत्र भी हैं। दिनकर ने कहा, ‘‘यदि हमने आरोप-पत्र देने के लिए डीवीडी का उपयोग नहीं किया होता, तो हर आरोपी को आरोपपत्र देने के लिए हमें एक ट्रक का उपयोग करना पड़ता।’’ व्यापमं घोटाला वर्ष 2011 में प्रकाश में आया था और इसमें कई अनियमितताओं के साथ-साथ करोड़ों रूपयों का घोटाला हुआ। इस घोटाले में एक मंत्री सहित कुछ स्थानीय नेताओं, व्यापमं के अधिकारियों, परीक्षार्थियों, स्कोरर एवं दलालों को जेल भी जाना पड़ा।

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