-दिनेश चंद्र शर्मा
जयपुर। डायबिटीज अपने आप में एक घातक बीमारी है। इस बीमारी से पीडि़त मरीजों को अपनी जीवनशैली के विभिन्न किस्म के बदलाव करने पड़ते हैं। बहरहाल हाल ही में हुए एक शोध सर्वेक्षण से एक और बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों की समस्या और भी बढ़ गयी है। ताजा शोध से पता चला है कि टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को अन्य लोगों की तुलना में कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों में पेट, लिवर, पैंक्रियाज, एंडोमीट्रियम, ओवेरी (अंडाशय) और किडनी का कैंसर होने की आशंका अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। लेकिन यह जानना दिलचस्प है कि टाइप 1 डायबिटीज के कारण कुछ कैंसर के खतरे कम भी हो जाते हैं। मसलन प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर।
किन्हें हो सकता है कैंसर
ताज शोध अध्ययन में पांच देशों के आंकड़े शामिल किये गए हैं। इनमें ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, फिनलैंड, स्कॉटलैंड और स्वीडन शामिल हैं। शोध से पता चलता है कि टाइप-1 डायबिटीज अधेड़ और बुजुर्गोंकी तुलना में बच्चों और युवाओं को होने की आशंका ज्यादा रहती है। कहने का मतलब है कि जो युवा और बच्चे टाइप 1 डायबिटीज के मरीज हैं, उन्हें अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत है। यही नहीं जरूरत पडऩे पर विशेषज्ञ के पास सही समय पर जाना भी आवश्यक है। इसके अलावा अपनी जीवनशैली में किसी भी प्रकार की लापरवाही उनके लिए जानलेवा हो सकती है।
क्या है टाइप 1 डायबिटीज
मधुमेह में अग्नाशय इंसुलिन नामक हार्मोन नहीं बना पता जिससे शरीर की कोशिकाओं को ग्लूकोज के जरिये ऊर्जा नहीं मिल पाती। टाइप 1 डायबिटीज में रोगी के खून में ग्लूकोज का स्तर सामान्य रखने के लिए नियमित रूप से इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। इसे ‘ज्यूविनाइल ऑनसैट डायबिटीजÓ के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग प्राय: किशोरावस्था में पाया जाता है। इस रोग के कारण मरीज का वजन भी काफी कम हो जाता है। दरअसल इसमें ऑटोइम्यूनिटी होती है जिस कारण ऐसा होता है। अत: मरीज को अपना विशेष ध्यान रखना होता है।
टाइप 1 मधुमेह के लक्षण
अधिक प्यास लगने की वजह से बार बार पेशाब आना इसके प्रमुख लक्षणों में एक है। इसके अलावा हर समय मरीज को भूख का एहसास बना रहता है। निरंतर खाना खाने के बाद भी वजन बढ़ता नहीं है अपितु कम होता रहता है। बिना वजह के थकान, मिचली, उल्टी के साथ, लगातार सिरदर्द का एहसास होता है।
फायदेमंद है ग्रीन टी का सेवन
टाइप 1 डाइबिटीज के रोगियों के लिए ग्रीन टी बहुत फायदेमंद होती है क्योंकि ग्रीन टी में एंटीआक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। जो शरीर को स्वस्थ रखने में मददगार होते हैं। आइए विस्तार से जानें ग्रीन टी टाइप1 डायबिटीज में कैसे फायदेमंद होती है। ग्रीन टी शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करती है,और इन्सुलिन दवा के हानिकारक प्रभावो को कम करने में भी मदद करती है । यूनिवर्सिटी ऑफ मेरिलैंड मेडिकल सेंटर के अनुसार ग्रीन टी शरीर में ना सिर्फ टाइप 1 डाइबिटीज़ को कम करता है बल्कि इसके बुरे प्रभाव को भी कम करता है।2004 में चीन में किए गए एक शोध के अनुसार एक दिन में एक कप ग्रीन टी पीने से 50 प्रतिशत तक हाई ब्लड प्रेशर में कमी आती हैं,ग्रीन टी खून की धमनियों को आराम पहुंचाता है, जिससे हाइ ब्लड प्रेशर की समस्या में आराम मिलता हैं। जो लोग रोज ग्रीन टी का सेवन करते है उनमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है उन लोगों के मुकाबले जो ग्रीन टी नहीं लेते इसलिए क्योंकि उनका मानना है कि उसमें मौजूद पॉलिफेनल से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।

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