Two arrested for disclosing the international gang of credit card purchases for Ayeshi

इंदौर। क्रेडिट कार्डों की गोपनीय जानकारी खरीदकर बड़े पैमाने पर ऑनलाइन खरीदारी और विदेशों में अय्याशी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का मध्यप्रदेश पुलिस के साइबर दस्ते ने आज भंडाफोड़ किया। गिरोह के दो ​भारतीय सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ गये हैं। राज्य साइबर सेल की इंदौर इकाई के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि आगर-मालवा जिले के एक बैंक अधिकारी की शिकायत पर गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रामकुमार पिल्लै और रामप्रसाद नाडर के रूप में हुई है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों आरोपी मुम्बई के रहने वाले हैं और संदिग्ध तौर पर पाकिस्तानी नागरिक शेख अफजल उर्फ शोजी के साइबर गिरोह से जुड़े हैं। उन्होंने कहा, “शोजी के बारे में पता चला है कि वह मूलतः लाहौर का रहने वाला है और पिछले साल ही उसकी शादी हुई है। वह दुनिया के अलग-अलग देशों में घूमता रहता है। पिछली बार जब पिल्लै और नाडर की उससे स्काइप के जरिये बात हुई थी, तब वह उज्बेकिस्तान में था। हम इन बातों की पुष्टि की कोशिश कर रहे हैं।” सिंह ने बताया कि साइबर गिरोह के सदस्यों ने “डार्क वेब” (इंटरनेट का गुप्त संसार जो अवैध कारोबार के लिये कुख्यात है) की कुछ वेबसाइटों पर हैकरों द्वारा उपलब्ध करायी क्रेडिट कार्डों की डीटेल खरीदीं। फिर इस गोपनीय जानकारी का दुरूपयोग कर बैंकॉक, थाईलैंड, दुबई, हांगकांग और मलेशिया के हवाई टिकट और पर्यटन पैकेज खरीदे। इसके साथ ही, विदेशी कम्पनियों की महंगी चीजों की ऑनलाइन खरीदी की।

उन्होंने कहा, “डार्क वेब पर लोगों के क्रेडिट कार्डों की डीटेल खरीदने के लिये आरोपी बिटकॉइन (आभासी मुद्रा) के ऑनलाइन वॉलेट के जरिये भुगतान करते थे। अगर इस भुगतान को भारतीय मुद्रा के सन्दर्भ में आंका जाये, तो उन्हें हर क्रेडिट कार्ड की डीटेल खरीदने के लिये महज 500 से 800 रुपये चुकाने पड़ते थे।” सिंह ने बताया कि​ पुलिस के हत्थे चढ़े दोनों आरोपी क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग से जितनी रकम खर्च करते थे, उसका आधा हिस्सा गोपनीय ऑनलाइन तरीकों से शोजी को भेजा करते थे। आरोपी उन वेबसाइट को चुनते थे, जहां खरीदारी के लिये वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की आवश्यकता नहीं होती थी। इससे संबंधित धारक को भुगतान के बाद ही पता चलता था कि उसके क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग किया गया है। सिंह ने बताया कि शुरूआती जांच के मुताबिक दोनों आरोपियों ने अब तक 17 क्रेडिट कार्ड की डीटेल खरीदकर करीब 20 लाख रुपये की अवैध खरीदारी की है। हालांकि, विस्तृत जांच में यह आंकड़ा बढ़ सकता है।उन्होंने बताया कि गिरोह में जबलपुर के युवक गौरव सिंह की भी भूमिका सामने आयी है, उसकी तलाश की जा रही है।

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