– रिपब्लिक टीवी की इन्वेस्टिेगेटिव टीम ने स्वीडन के पूर्व चीफ इंवेस्टिगेटर स्टेन लिंडस्टॉर्म की बातचीत टेप जारी किए। टेप में पूर्व पीएम पर दलाली के आरोप, हालांकि सीबीआई जांच में राजीव गांधी को मिल चुकी है क्लीनचिट
जयपुर। देश के सबसे चर्चित दलाली काण्डों में शुमार बोफोर्स तोप दलाली काण्ड का जिन्न एकबार फिर गूंजा है। इस बार रिपब्लिक टीवी की इन्वेस्टिेगेटिव टीम ने बोफोर्स तोप मामले में स्वीडन के पूर्व चीफ इंवेस्टिगेटर स्टेन लिंडस्टॉर्म की बातचीत के वीडियो टेप जारी करते हुए बोफोर्स तोप मामले में पूर्व पीएम राजीव गांधी पर तोपों की डील में दलाली के आरोप सामने आए हैं। हालांकि आपको बता दे कि बोफोर्स तोप दलाली मामले में सीबीआई जांच की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट राजीव गांधी को वर्ष 2004 में क्लीनचिट दे चुकी है। इतने सालों बाद फिर रिपब्लिक टीवी की इन्वेस्टिेगेटिव टीम के इस खुलासे से बोफोर्स तोप दलाली का मामला सुर्खियों में आ गया है। 31 साल पुराने इस मामले में कांग्रेस सकते हैं तो भाजपा को मुख्य विपक्षी कांग्रेस पर हमले करने का मौका मिल गया है।

– ये किए गए हैं टेप में दावे
रिपब्लिक टीवी की इंवेस्टिगेटिव स्टोरी टीम ने बोफोर्स तोप दलाली मामले में पूर्व चीफ इंवेस्टिगेटर स्टेन लिंडस्टॉर्म से बातचीत की है। इस बातचीत के टेप में दावा किया गया है कि बोफोर्स तोप दलाली मामले में पूर्व पीएम राजीव गांधी को पूरी जानकारी थी और डील के खेल में हुई दलाली की भी जानकारी थी उन्हें। टेप में यह भी दावा किया है कि पूर्व पीएम ने स्वीडिश पीएम से एक फ्लाइट में इस बारे में चर्चा भी की थी। इंवेस्टीगेटर का दावा है कि बोफोर्स तोप दलाली मामले में दलाली की रकम 64 करोड़ रुपए से भी अधिक थी।

– यह बोफोर्स तोप डील में दलाली मामला
भारत सरकार ने भारतीय सेना के लिए 1986 में स्वीडन से बोफोर्स तोपें खरीदी गई थी। तब 410तोंपे भारतीय सेना के लिए आई थी। बोफोर्स तोप दलाली मामले में इटली के कारोबारी ओत्तावियो क्वात्रोची की भूमिका रही। डील के लिए इसे बड़ी दलाली मिली। तब कांग्रेस नेता और फिर कांग्रेस छोड़कर जनता दल में गए वीपीसिंह ने राजीव गांधी पर तोपों की डील में दलाली खाने के आरोप लगाकर कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। इस मुद्दे को लेकर वीपीसिंह व मुख्य विपक्षी दलों ने कांग्रेस सरकार और पीएम राजीव गांधी को घेरा, जिसके चलते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई। बोफोर्स तोप दलाली मुद्दे के चलते वीपीसिंह देश के प्रधानमंत्री बने। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को दी गई। हालांकि 2004 में सीबीआई रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट ने राजीव गाधी क्लीन चिट दे दी थी।

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