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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र पर चर्चा का आह्वान किया और कहा कि देश के भविष्य के लिए पार्टियों के भीतर ‘‘सच्ची लोकतांत्रिक भावना’’ का विकास आवश्यक है। मोदी ने ये टिप्पणियां यहां भाजपा मुख्यालय में आयोजित दीवाली मिलन कार्यक्रम में मीडिया को संबोधित करते हुए कीं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की फंडिंग पर अक्सर चर्चा होती है, लेकिन उनके मूल्यों, विचारधारा, आतंरिक लोकतंत्र और वह नयी पीढ़ी के नेताओं को किस तरह अवसर प्रदान करती हैं, इस बारे में चर्चा नहीं होती।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश पार्टियों के भीतर लोकतंत्र को लेकर ज्यादा अवगत नहीं है और मीडिया को इस पर ध्यान देना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक मूल्य उनके (पार्टियों के) मूलभूत मूल्य हैं या नहीं, इस बारे में व्यापक चर्चा होनी चाहिए…मेरा मानना है कि राजनीतिक दलों के भीतर सच्ची लोकतांत्रिक भावना का विकास न सिर्फ देश के भविष्य के लिए, बल्कि लोकतंत्र के लिए भी आवश्यक है।’’ यद्यपि प्रधानमंत्री ने किसी प्रतिद्वंद्वी पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणियां इन खबरों की पृष्ठभूमि से संबंधित हो सकती हैं कि कांग्रेस अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पदोन्नत कर सोनिया गांधी की जगह अध्यक्ष बना सकती है। कांग्रेस पर भाजपा अक्सर वंशवाद की राजनीति अपनाने का आरोप लगाती रही है और खुद को यह कहकर एक अलग पार्टी बताती रही है कि उसके कार्यकर्ता शीर्ष पदों पर पहुंचे हैं। मोदी ने यह भी माना कि भाजपा के भीतर कई तरह की आवाज हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि जनसंघ के समय जब यह छोटा संगठन था तब केंद्रीय नेतृत्व से लेकर सतही कार्यकर्ताओं तक ‘‘विचारधारात्मक सामंजस्य’’ हुआ करता था।उन्होंने कहा कि भिन्न विचारों का कारण पार्टी का विस्तार हो सकता है।

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