बाल मुकुन्द ओझा
दुनिया के हर देश में वंशवाद की अपनी अपनी कहानी है। भारत में वंश परंपरा से आए लोगों का
राजनीतिक पार्टियों पर कब्जा है। जब किसी एक क्षेत्र में एक ही परिवार या वंश के लोग सभी पदो पर
काबिज हो जाए वह परिवारवाद कहलाता है। वंशवाद हमेशा से भारतीय राजनीति का प्रमुख स्तम्भ रहा है।
देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक कई ऐसे परिवार हैं जिनकी तीसरी और चौथी पीढ़ी राजनीति में प्रवेश
कर चुकी है। ऐसे परिवारों की कमी नहीं हैं जिनके घर में कई पीढ़ियों से राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ी जा रही हैं
और उनका दखल और दबदबा आज भी बदस्तूर कायम है। कुछ ऐसे परिवार है जो आजादी के बाद
राजनीति में सक्रीय हुए और पीढ़ी दर पीढ़ी शासन करने का सपना संजोये हुए है। इनकी चार चार पीढ़ियां
राजनीति में सक्रिय है। राजनीति के वो परिवार जहां पीढ़ी.दर.पीढ़ी सिर्फ राजनेता ही पैदा हो रहे हैं। देश में
ऐसे परिवारों की भरमार है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गाहे बगाहे परिवारवाद पर करारा
हमला करने से नहीं चूकते । देश की राजनीति में गांधी परिवार पर अक्सर परिवारवाद के आरोप लगते रहे
हैं। लेकिन उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक राजनीतिक घरानों पर नजर डालें तो परिवारवाद की
कमी नहीं है । देश में गांधी परिवार को छोड़कर एक दर्ज़न ऐसे सियासी घराने ऐसे हैं जिनकी तीसरी पीढ़ी
राजनीति में उतर चुकी है।
राष्ट्रीय राजनीति में गाँधी परिवार कश्मीर में अब्दुल्ला परिवार पंजाब में बादल परिवार राजस्थान में मिर्धा
परिवार मदेरणा परिवार हरियाणा में हुड्डा बंशी लाल भजनलाल और चौटाला परिवार यूपी में मुलायम
सिंह यादव का परिवार चरण सिंह परिवार कल्याण सिंह परिवार मध्य प्रदेश में सिंधिया परिवार महाराष्ट्र
में ठाकरे पवार कर्णाटक में देवगौड़ा परिवार और तमिलनाडु में करूणानिधि का परिवार उन राजनीतिक
परिवारों में है जिनकी तीसरी या चौथी पीढ़ी सियासी मैदान में शंखनाद कर रही है। इनमें गाँधी परिवार
सबसे बड़ा है जिसकी छठी पीढ़ी चुनाव मैदान में है। मोतीलाल जवाहर लाल नेहरू इंदिरा गांधी राजीव गाँधी
और सोनिया गाँधी के बाद राहुल गाँधी तथा प्रियंका गाँधी ने मोर्चा संभाल लिया है।
सबसे पहले बात करें महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे ताकतवर समझे जाने वाले ठाकरे परिवार की। इस
परिवार की तीसरी पीढ़ी राजनीति का सियासी सुख भोग रही है। बाल ठाकरे के पोते और उद्धव के बेटे
आदित्य ठाकरे अपने पिता की सरकार में मंत्री पद पर काबिज रहे हैं। शरद पवार की तीसरी पीढ़ी ने भी
राजनीति में एंट्री ले ली है। उनके भतीजे अजित पवार के बेटे ने सियासी पिच पर खेलना शुरू कर दिया है।
पंजाब में बादल परिवार की तीसरी पीढ़ी हालाँकि सत्ता सुख से बाहर है मगर अपने परिवार को आगे बढ़ने में

पीछे नहीं है। चौधरी देवीलाल की चौथी पीढ़ी सत्ता सुख का आनंद लेने के लिए हरियाणा मंत्रिमंडल में
शामिल हो चुकी है। मध्य प्रदेश में सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी आ चुकी है। बिहार में लालू और
रामविलास पासवान के परिवार की तीसरी पीढ़ी सक्रीय है। हिंदी भाषी राज्यों में और भी कई नामी गिरामी
नेताओं ने अपने बेटों और पोतों को अपनी सियासी विरासत सम्भला दी है।
दक्षिण की राजनीति में भी तीसरी पीढ़ी मैदान में उतर गई है। डीएमके की बागडोर करुणानिधि के बेटे और
वर्तमान मुख्यमंत्री स्टालिन ने संभाल ली है। स्टालिन के बेटे उदयनिधि सियासी दावपेंच के साथ अपने
परिवार को आगे बढ़ा रहे है। आंध्र प्रदेश की राजनीति में भी तीसरी पीढ़ी एंट्री मार चुकी है। एनटीआर की
तीसरी पीढ़ी के नेता नारा लोकेश 2017 में ही आंध्र प्रदेश की राजनीति में एंट्री कर चुके हैं। इस प्रदेश में
मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे है।
बंगाल में ममता ने अपनी पार्टी की बागडोर भतीजे को सौंप दी है। कर्णाटक में देवेगौड़ा परिवार हाल
फिलहाल सत्ता से बाहर है। अपने बेटे कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने के बाद पूर्व
प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा अपने पोतों का राजनीतिक करियर बनाने में लगे हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में
सबसे ताकतवर यादव फैमिली की तीसरी पीढ़ी की एंट्री हो चुकी है। मैनपुरी से पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव
मुलायम सिंह यादव की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। तीसरी पीढ़ी के नेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री
चौधरी चरण सिंह के पोते और अजित के बेटे का नाम जयंत चौधरी का नाम प्रमुख है।
जम्मू कश्मीर की राजनीति भी परिवारवाद से आगे नहीं बढ़ पा रही। शेख अब्दुल्ला की तीसरी पीढ़ी के नेता
उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर की राजनीति में सक्रिय हैं। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भले ही
मुफ्ती मोहम्मद सईद की दूसरी पीढ़ी हो लेकिन यहां भी राजनीति की तीसरी पीढ़ी दस्तक दे रही है। महबूबा
की बेटी इल्तिजा मुफ्ती अक्सर मीडिया मे चर्चा का विषय रहती हैं और कई बार उन्हें गंभीर विषयों पर मां
का पक्ष रखते भी देखा गया है।

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