Hightech techniques

जयपुर : हाईटेक तकनीक इंटरनेट कॉलिंग स्पूफिंग के जरिए देश भर में चर्चित हुए ठगी के मामले में सोमवार को एसीबी कोर्ट-एक में अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर बी.एस. चौहान ने अभियुक्त की अर्जी को खारिज करने की दलीलें देते हुए अदालत को बताया कि प्रसंज्ञान आदेश होने से पूर्व अभियुक्त को सुनने का अधिकार नहीं है।

मामले में 9 अगस्त, 2०17 को गिरफ्तार किए गए पूर्व मंत्री राध्ोश्याम गंगानगर के पोत्र साहिल राजपाल (32) ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर प्रसंज्ञान आदेश देने से पूर्व उसका पक्ष सुने जाने की मांग की थी। प्रार्थना पत्र का एसीबी ने लिखित में जवाब देने से इनकार करते हुए कोर्ट को बताया कि अभियुक्त की ओर से ट्रायल को डीले करने के लिए अर्जी दायर की है।

सीआरपीसी के प्रावधानानुसार अदालत को पत्रावली में मौजूद तथ्यों का ही सूक्ष्म अवलोकन कर प्रसंज्ञान आदेश पारित करना होता है। बाद में स्पेशल जज बलजीत सिंह ने आदेश सुनाने के लिए 25 जनवरी की तारीख दी है। सुनवाई के समय अभियुक्त साहिल राजपाल भी अदालत में हाजिर रहा।

LEAVE A REPLY