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दिल्ली. स्वराज इंडिया ने समान सिंबल वाले मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट के डिवीज़न बेंच में अपील की। पार्टी ने दिल्ली हाईकोर्ट के एकल जज द्वारा 29 मार्च को दिए गए उस फ़ैसले को चुनौती दी है जिसमें एमसीडी चुनाव के लिए समान सिंबल की स्वराज इंडिया की प्रार्थना को ठुकरा दिया गया था। इस अपील पर 31 मार्च 2017 तो सुनवाई होगी। इससे पहले स्वराज इंडिया ने दिल्ली राज्य चुनाव आयोग और दिल्ली हाईकोर्ट के एकल जज को अपील किया था कि पंजीकृत पार्टियाँ जिनको अभी मान्यता नहीं मिली है उनके सभी उम्मीद्वारों को समान सिंबल मिले ताकि चुनाव बराबरी का हो। भारतीय चुनाव आयोग ने विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में ऐसी बराबरी वाली व्यवस्था की हुई है। वर्ष 2013 में भारतीय चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद नियम बनाया कि पंजीकृत राजनीतिक पार्टियों को उनके पहले चुनाव के लिए समान चुनाव चिन्ह दिए जाएँ। इसी न्यासंगत नियम का फायदा उठाने वाली पहली पार्टी बनी आम आदमी पार्टी जिसे पहले चुनाव के लिए एक समान चुनाव चिन्ह दिया गया। अधिसूचना के बाद अन्य प्रदेशों के चुनाव आयोग ने भी इसी तर्ज़ पर नियम बनाए। लेकिन जब दिल्ली चुनाव आयोग ने प्रस्ताव किया कि पहली बार चुनाव लड़ने वाली पंजीकृत राजनीतिक पार्टियों को कॉमन सिम्बल दिया जाए तो दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया। मार्च 2015 में दिल्ली चुनाव आयोग के कमिश्नर श्री राकेश मेहता ने चिट्ठी लिखकर दिल्ली सरकार को एक न्यायसंगत नियम बनाने का प्रस्ताव किया। लेकिन अफ़सोस कि दो साल बीत जाने के बाद भी आयोग के इस अतिमहत्वपूर्ण चिट्ठी का कोई जवाब नहीं दिया है। दिल्ली सरकार दो साल से आयोग के इस प्रस्ताव पर बैठी रही जिसके कारण वर्तमान में चल रहे नियमों का हवाला देकर चुनाव आयोग ने स्वराज इंडिया के कॉमन सिम्बल के निवेदन को ठुकरा दिया।

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