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नयी दिल्ली : विपक्षी दलों ने उच्चतम न्यायालय के कामकाज को लेकर उसके चार न्यायधीशों द्वारा उठाए गए मुद्दों की ‘‘गहन जांच’’ की मांग की जिसे लेकर भाजपा ने उन पर न्यायपालिका के ‘‘आंतरिक मामलों का राजनीतिकरण’’ करने का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्यायाधीशों द्वारा जतायी गयी चिंता को ‘‘बेहद महत्वपूर्ण’’ बताते हुए न्यायमूर्ति बी एच लोया की रहस्यमत मौत की जांच की भी मांग की। लोया की मौत 2014 में तब हुई थी जब वह सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आरोपी थे लेकिन बाद में बरी हो गए।

राहुल ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि चारों न्यायाधीशों ने बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है। इन पर गहराई से ध्यान देने की जरूरत है।’’ भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर न्यायपालिका के आंतरिक मामलों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।

पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘देश के राजनीतिक दल न्यायिक कार्यक्षेत्र के बाहर राजनीति कर रहे हैं, वे न्यायपालिका के आंतरिक मामलों को घसीटने की कोशिश कर रहे हैं और उसका राजनीतिकरण कर रहे हैं जोकि नहीं होना चाहिए।’’ माकपा महासचिव सीताराम येुचरी ने कहा कि यह समझने के लिए गहन जांच की जानी चाहिए कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और अखंडता किस तरह से ‘‘प्रभावित’’ हो रही है। पूर्व राज्यसभा सदस्य शरद यादव ने इसे लोकतंत्र के लिए एक ‘‘काला दिन’’ बताते हुए कहा कि पहली बार उच्चतम न्यायालय के निवर्तमान न्यायाधीशों को अपनी शिकायतें रखने के लिए मीडिया के सामने बोलना पड़ा।

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