लखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजनीति में अब एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाने वाली समाजवादी पार्टी व बहुजन समावादी पार्टी में गठबंधन के संकेत मिले हैं। इस बात के संकेत समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने दिए। यदि अखिलेश के संकेत सही साबित हुए तो अब यूपी में भाजपा के खिलाफ बसपा सुप्रीमो मायावती व अखिलेश यादव एक मंच पर देखने को मिल सकते हैं। हालांकि मायावती की ओर से इस मामले में अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। फिर भी अखिलेश के संकेत करने के साथ ही यूपी की सियासत में एक हलचल पैदा हो गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 27 अगस्त को पटना में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव की रैली में वे शामिल होंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस रैली में बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती भी मंच साझा करेंगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को सपा नेता व पूर्व एमएलसी सुभाष यादव की पत्नी के निधन पर शोक प्रकट करने आए थे। इस दौरान पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल तो मैं 27 अगस्त को लालू यादव की रैली में शामिल होऊंगा। बता दें लालू प्रसाद यादव ने इस रैली में भाजपा विरोधी पार्टियों को आमंत्रण भेजा है।

-राहुल का नहीं छूटेगा साथ
सपा अध्यक्ष अखिलेश ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी का दामन नहीं छोड़ेंगे। एक बार उनका साथ मिल गया अब यह दोस्ती टूटने वाली नहीं है। अखिलेश ने कहा कि लालू की रैली में बसपा, सपा, कांग्रेस व विपक्षी दल शामिल होंगे, उसकी रैली में आगामी आम चुनावों की रणनीति भी बनाई जाएगी। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी यह संकेत दे दिए कि भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए सपा और कांगे्रस के साथ हाथ मिलाया जा सकता है। सीएम योगी द्वारा गोमती रिवर फ्रंट व एक्सप्रेस वे की जांच के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार सिर्फ जांच ही कराती रहेगी या कोई काम भी करके दिखाएगी।

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