bail rejected

नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने एक महिला का यौन उत्पीड़न करने और शादी का प्रस्ताव ठुकराए जाने पर उसके ऊपर तेजाब फेंकने की धमकी देने के जुर्म में एक व्यक्ति को तीन साल कैद की सजा सुनायी है। अभियुक्त को महिला के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर भी अदालत की नाराजगी झेलनी पड़ी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सविता राव ने कहा कि उसके बयान से ऐसा लगता है कि वह बेशर्म है और उसने कोई सीख नहीं ली है। अदालत ने उसे यौन उत्पीड़न, पीछा करने, धौंस दिखाने के अपराधों में तीन साल कैद की सजा सुनायी और उस पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अभिुक्त को इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर चेतावनी दी गयी है। उसकी बयानबाजी दर्शाती है कि अफसोस महसूस करने के बजाय वह इतना बेशर्म है कि अदालत के सामने शिकायतकर्ता के विरुद्ध अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहा है और ऐसा जान पड़ता है कि उसने अपनी पिछली गलतियों से कोई सबक नहीं लिया है।

’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थितियों में उदार दृष्टिकोण अपनाने से समाज में गलत संदेश जाएगा और इस प्रकार के लोगों को लगेगा कि वे कानून से ऊपर हैं तथा स्त्रीत्व का अपमान करने के बाद भी वे छूट सकते हैं।’’ अदालत ने कहा, ‘‘महिलाओं के विरुद्ध यौन अपराध पुरुषों एवं महिलाओं के बीच असल एवं धारणागत असमान सत्ता समीकरण का परिणाम होता है और उस पर समाज के पितृसत्तामक होने का बड़ा असर होता है। ऐसा जान पड़ता है कि इसी वजह से आरोपी शिकायतकर्ता से शादी के लिए ‘ना’ सुनने का इच्छुक नहीं था। ’’ शिकायत के अनुसार व्यक्ति कुछ समय से इस महिला का पीछा कर रहा था और उसके लिए मुश्किल पैदा कर रहे था लेकिन 16 अप्रैल, 2013 को उसने दक्षिण दिल्ली में एक सार्वजनिक स्थान पर उसे पकड़ लिया और शादी करने के लिए उसे धमकाया। जब वह नहीं मानी तो उसने उसे गालियां दीं और उस पर तेजाब फेंकने की धमकी दी। महिला ने तत्काल पुलिस को बुलाया और उसे गिरफ्तार कराया। वैसे अभियुक्त ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह पांच साल से महिला के साथ संबंध में था तथा पैसे के विवाद की वजह से उसने यह शिकायत दर्ज करा दी।

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