– मां के बेहोश होने पर बेटे ने 108 पर फोन करके एंबुलेंंस बुलाई।
एजेंसी
सूरत। बच्चों को इमरजेंसी सेवाओं की जानकारी देना ना केवल उनके लिए, बल्कि परिजनों के लिए काफी फायदेमंद होता है। आपात स्थिति में तत्काल फोन करने से मदद मिलती है। कई बार जान तक बचती है। ऐसा ही एक मामला गुजरात के सूरत में सामने आया है। जहां एक मां के अचानक गिरने और बेहोश होने के बाद उसके सात साल के बेटे ने हिम्मत नहीं हारी और तत्काल ही इमरजेंसी नंबर 108 पर फोन करके एंबुलैंस को बुला लिया। बच्चे की समझदारी से मां को तत्काल चिकित्सा मिलने से वह बच गई। सात वर्षीय राहुल की मां को हार्ट अटैक आ गया और वह बेहोश हो गई। इस पर उसने तत्काल 108 को फोन कर दिया। पांच मिनिट में ही एंबुलैंस पहुंची गई और उसकी मां को अस्पताल पहुंचाया। ईलाज मिलने से वह बच गई। चिकित्सकों का कहना है कि समय पर महिला के अस्पताल पहुंचने और ईलाज शुरु होने से वह बच गई। अगर कुछ देर हो जाती तो महिला की जान को खतरा हो जाता। डॉक्टर्स ने राहुल की इस समझदारी की तारीफ करते हुए कहा कि बच्चों को इमरजेंसी सेवाओं की जानकारी देनी चाहिए। क्योंकि कभी भी किसी के साथ या आस-पास इस तरह की इमरजेंसी आ सकती है। अगर बच्चों को इमरजेंसी सेवाओं की जानकारी दी जाए तो बहुत से लोगों की जान बच सकती है। मां की जान बचाने वाले राहुल ने बताया कि उसकी बहन ने बताया कि किसी की तबीयत खराब होने या एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति की मदद के लिए 108 नंबर पर फोन करना चाहिए। इससे तत्काल एंबुलैंस आ जाती है। राहुल की मां मंजू पांडे होश आने के बाद अस्पताल में देखकर डरी। बाद में उसे हार्ट अटैक आने और बच्चे की समझदारी से जान बचने की बात बताई तो उसकी आंखों में आसूं छलक पड़े। मंजू ने बताया कि बुधवार दोपहर में उसे उल्टी हुई। हाथ पैर कांपने लगे थे। फिर वह बेहोश हो गई।

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