– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युग्म इनोवेशन कॉन्क्लेव को संबोधित किया
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में युग्म इनोवेशन कॉन्क्लेव को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने इस बात पर बल दिया कि “युग्म” के रूप में यह महत्वपूर्ण सम्मेलन सरकारी अधिकारियों, शिक्षाविदों और विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों सहित विकसित भारत के सभी हितधारकों का संगम है- यह सहयोग का ऐसा स्वरूप है जिसका उद्देश्य विकसित भारत के लिए भविष्य की प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाना है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत की नवाचार क्षमता और डीप-टेक में इसकी भूमिका को बढ़ाने के प्रयासों को गति मिलेगी। उन्होंने आईआईटी कानपुर और आईआईटी बॉम्बे में एआई, बुद्धिमत्तापूर्ण प्रणालियों और जैव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर केंद्रित सुपर हब के उद्घाटन का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने वाधवानी इनोवेशन नेटवर्क के शुभारंभ के बारे में भी बताया, जो नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के साथ मिलकर अनुसंधान को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। प्रधानमंत्री ने वाधवानी फाउंडेशन, आईआईटी और इन पहलों में शामिल सभी हितधारकों को बधाई दी। उन्होंने निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के बीच सहयोग के माध्यम से देश की शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक बदलाव लाने में समर्पण और सक्रिय भूमिका के लिए श्री रोमेश वाधवानी की विशेष रूप से सराहना की।
मोदी ने संस्कृत में रचित मंत्रों और ऋचाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सच्चा जीवन सेवा और निस्वार्थ भाव से जिया जाता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी को भी सेवा के माध्यम के रूप में काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने वाधवानी फाउंडेशन जैसी संस्थाओं तथा श्री रोमेश वाधवानी और उनकी टीम के प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया, जो भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को सही दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने श्री वाधवानी की संघर्षों से भरी उस उल्लेखनीय यात्रा के बारे में भी बताया, जिसमें विभाजन के बाद की स्थिति, अपने जन्मस्थान से विस्थापन, बचपन में पोलियो से जूझते हुए इन चुनौतियों से ऊपर उठकर विशाल व्यापारिक साम्राज्य का निर्माण करना शामिल है। श्री मोदी ने भारत के शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्रों को अपनी सफल यात्रा समर्पित करने के लिए श्री वाधवानी की सराहना की और इसे अनुकरणीय कार्य बताया। उन्होंने स्कूली शिक्षा, आंगनवाड़ी प्रौद्योगिकियों और कृषि-तकनीक संबंधी पहलों में योगदान के लिए फाउंडेशन के प्रति आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि वे इससे पहले वाधवानी इंस्टीट्यूट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना जैसे कार्यक्रमों में शामिल हो चुके हैं और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह फाउंडेशन भविष्य में कई महत्वपूर्ण मुकाम हासिल करना जारी रखेगा। प्रधानमंत्री ने वाधवानी फाउंडेशन को उनके प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं।

































