जयपुर। राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यदि दक्षता के आधार पर केन्द्रीय मंत्रीमंडल में छंटनी कर रहे हैं तो यह बात राज्यों पर भी लागू होनी चाहिए। डूडी ने कहा कि यदि दक्षता ही बदलाव का पैमाना है तो राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से सबसे पहले इस्तीफा मांगा जाना चाहिए जिन्होंने पिछले पौने चार साल में प्रदेष को गर्त में पहुंचा दिया है। डूडी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिर्फ अपनी नाकामी छिपाने के लिए केन्द्रीय मंत्रियों के इस्तीफे लेने का ड्रामा रच रहे हैं, यदि मोदी भाजपा की सरकारों की छवि को लेकर वास्तव में गंभीर हैं तो उन्हें तत्काल प्रभाव से राजस्थान की मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले तीन साल में देष को एक कमजोर सरकार दी है। मोदी अपने चुनावी वादों पर खरे नहीं उतरे हैं और जिन गरीबों व किसानों की भलाई के दावे कर वे प्रधानमंत्री बने, उन्हीं गरीबों व किसानों का सबसे ज्यादा दमन मोदी राज में पिछले तीन साल में हुआ। नोटबंदी के दुष्परिणाम अब सामने आ रहे हैं। डूडी ने कहा कि यही स्थिति राजस्थान में है जहां पिछले पौने चार साल में प्रदेष भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, बदहाल कानून व्यवस्था, महिला एवं दलित उत्पीड़न और बिगड़ी चिकित्सा व्यवस्था की भेंट चढ़ गया है। केन्द्र व राज्य सरकार प्रदेष के किसानों की सुध नहीं ले रही है, कर्जे में डूबा किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। इसी तरह प्रदेष में आयी बाढ़ से निपटने में इतनी सरकारी लचरता पहले कभी दिखाई नहीं दी। सरकारी चिकित्सा व्यवस्था अराजकता की षिकार है और ऊर्जा, पेयजल व सिंचाई के क्षेत्र में सरकार किंकर्तव्यविमूढ़ है।
रामेष्वर डूडी ने कहा कि भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में ’सुराज संकल्प पत्र’ में प्रदेष की जनता से 611 चुनावी वादे किये थे, इसमें से 35 फीसदी भी पूरे नहीं किये। इसलिए यदि दक्षता ही बदलाव का पैमाना है तो भाजपा को प्रदेष की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से सबसे पहले इस्तीफा लेना चाहिए था।