जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को लेकर प्रमुख मेडिकल शिक्षा सचिव को 10 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्रजोग और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने यह आदेश महेन्द्र गौड़ की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में कहा गया कि एमसीआई ने जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर की मेडिकल कॉलेजों में 330 मेडिकल शिक्षकों की आवश्यकता बनाई है।
इसी तरह झालावाड में 215 शिक्षकों की जरूतर है। जबकि जोधपुर में 68, कोटा में 119, उदयपुर में 133, अजमेर में 118, बीकानेर में 71 और झालावाड में 64 मेडिकल शिक्षकों की कमी है। जबकि जयपुर में 334 मेडिकल शिक्षक अधिक लगे हुए हैं। जयपुर में 330 के मुकाबले 550 नियमित तथा 114 शिक्षक तदर्थ आधार पर काम कर रहे हैं। याचिका में कहा गया कि एमसीआई की ओर समय-समय पर मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण किया जाता है। उस दौरान राज्य सरकार दूसरे स्थान से मेडिकल शिक्षकों को स्थानान्तरण या प्रतिनियुक्ति पर संबंधित कॉलेज में भेज देती है। वहीं एमसीआई का दौरा समाप्त होने के बाद उन्हें तुरंत बुला लिया जाता है।
इससे न केवल मेडिकल छात्रों की पढ़ाई खराब होती हैं, बल्कि संबंधित मेडिकल शिक्षकों को यात्रा भत्ता आदि भी देना पड़ता है। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से इसका कारण पूछा, लेकिन सरकार अपने जवाब से अदालत को संतुष्ठ नहीं कर सकी। इस पर अदालत ने प्रमुख मेडिकल शिक्षा सचिव को पेश होने के आदेश दिए हैं।