Pradyumna murder

नई दिल्ली। गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में छात्र प्रद्युम्न की नृशंस हत्या ने पूरे देश के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आप अपने बच्चों को स्कूल की बस से भेजते हैं तो कृपया बस चालक और कंडक्टर के बारे में सही जानकारी हासिल कर लें। क्योंकि राजधानी में सैकड़ों स्कूल बसें ऐसी चल रही है जिसके चालक के पास लाइसेंस तक नहीं है। रेयान इंटरनेशनल स्कूल की कुल 19 बसें जब्त स्कूल बसों के परिचालन में शिकायतें मिलने के बाद परिवहन विभाग ने बुधवार से इन बसों के खिलाफ अभियान शुरु किया है। अभियान के दौरान दो दिनों की कार्रवाई में रेयान इंटरनेशनल स्कूल की कुल 19 बसें जब्त की गई है। हालांकि, इस दौरान अलग-अलग स्कूलों की कुल 245 बसों के खिलाफ एक्शन लिया गया है। इसमें डीपीएस, हेरिटेज जैसे स्कूलों के बस भी शामिल है।  ड्राइवर और कंडक्टरों के पास लाइसेंस नहीं  गुरुग्राम की घटना के बाद परिवहन विभाग के अधीन इंफोर्समेंट विंग की 20 टीमों को स्कूल बसों की चेकिंग में लगाया गया। इस दौरान रोहिणी और वसंत कुंज स्थित रेयान स्कूल के बसों की भी चेकिंग की गई।

यहां पाया गया कि इन बसों के ड्राइवर और कंडक्टरों के पास लाइसेंस ही मौजूद नहीं था। इतना ही नहीं ज्यादातर कंडक्टरों के पास कोई बैच तक नहीं था। ये वो बैच होते हैं जो पुलिस वेरिफिकेशन के बाद परिवहन विभाग जारी करता है।  दूसरे स्कूलों की बस में भी नियमों के उल्लंघन  जांच टीम ने पाया कि रेयान स्कूल की बस पर चलने वाले कंडक्टरों के पास बैच नहीं थे। दर्जनों ऐसी स्कूल बसें मिलीं, जिनके ड्राइवर और कंडक्टर नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। जिसके बाद इन बसों को जब्त कर लिया गया। जांच के दौरान बाकी दूसरे स्कूलों की बस में भी नियमों के उल्लंघन की बात सामने आईं। द्वारका, पीतमपुरा स्थित स्कूलों की बसों पर भी कार्रवाई की गई। मालूम हो कि स्कूल बसों में सेवा देने वाले कंडक्टर और ड्राइवर के पास पांच वर्ष का अनुभव अनिवार्य होना चाहिए। बच्चों की सुरक्षा में कंडक्टर का अहम रोल होता है।

बसें जब्त होने बढ़ी अभिभावकों की परेशानी

स्कूलों में इस समय बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं। इस दौरान बसें जब्त होने से उन अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई हैं जिन्होंने बच्चों को घर से स्कूल भेजने और वापस लाने के लिए स्कूल बसें लगाई हुई हैं। बच्चों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। इस लिहाज से वह अपने स्तर पर भी पड़ताल करने के बाद ही बच्चों को बस व कैब से स्कूल भेजे।

 

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