जयपुर। देश कितनी ही तरक्की कर लें, लेकिन समाज में आज भी प्यार करने वाले युवाओं पर तमाम तरह की बंदिशें है। ना तो प्रेमी जोडे प्यार के इजहार कर सकते हैं और ना ही मर्जी से शादी। चोरी छिपे हो रहा इश्क भी जब बेनकाब होने लगा तो अपने ही जान के दुश्मन हो जाते हैं। ऐसे ही एक प्रेमी युगल की जिंदगी में हुआ। राजस्थान के टोंक शहर के प्रेमी युगल के इश्क में जब समाज ने रोड़े अटकाए और शादी से इनकार कर दिया तो इन्होंने जुदा होने के बजाय अपनी जिंदगी कुर्बान करने की ठान ली। इस प्रेमी युगल ने पहले तो रेल के आगे कूदकर एक होने की राह पकड़ी, लेकिन काफी देर तक रेल नहीं आई तो वे पटरियों से उठकर एक कुएं के पास पहुंचे और फिर उस कुएं में छलांग लगा दी। आज जो घटना हुई है, वे खंडवा गांव के है। प्रेमी और प्रेमिका के प्यार का पता लगने पर दोनों पर मिलने की पाबंदी लगा दी। प्रेमिका की शादी भी तय कर दी और कुछ दिनों में ही उनकी शादी होने वाली थी।

आज जब प्रेमिका के माता-पिता व परिजन घर के बाहर गए हुए थे तो प्रेमी छोटू लाल घर पर आया और दोनों ने एक साथ जीने नहीं पाने पर एक साथ मरने की कसमें खाई। वे एक साथ मरने की खातिर घर से भागे और थोड़ी दूर रेल लाइन पर पहुंचे। उन्होने रेल से कटकर जाने देने की ठानी, लेकिन काफी देर तक रेल नहीं आई तो वे एक कुएं के पास पहुंचे। फिर दोनों ने एक-दूसरे को आलिंगन करते हुए कपड़े से बांध लिया और कुए की मुण्डेर पर चढ़कर पानी में छलांग लगा ली। पानी में डूबने से कुछ देर में उनकी मौत हो गई। कुएं में लाशे देख ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दोनों के शव निकाले और लड़के की पेंट से मिले दस्तावेज के आधार पर उनकी पहचान हुई। उधर, इस घटना के सामने आते ही दोनों परिवारों में कोहराम मच गया। हर किसी ने भी इस घटना के बारे में सुना तो दंग रह गया। गौरतलब है कि समाज में प्रेमी युगलों में सुसाइड की घटनाएं बढ़ रही है।

टोंक में एक सप्ताह में प्रेमी युगल के एक साथ मरने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले भी प्रेमी युगल पेड़ से लटककर जान दे चुका है। जनप्रहरी एक्सप्रेस अपने चैनल के माध्यम से कहना चाहता है कि सच्चे प्रेमी ना तो किसी की जान लेते हैं और ना ही अपनी जान देने की सोचें। ईश्वर की दी हुई जिंदगी बहुत अहम है। इसे आत्महत्या करके खराब ना करें, बल्कि अपने प्रेम की खातिर खुद को इतना सक्षम बनाए कि समाज व अभिभावक खुद आपके प्रेम को स्वीकार कर लें या समाज स्वीकार नहीं तो कानून का सहारा लेकर अपनी जिंदगी संवारे, लेकिन आत्महत्या जैसा घृणित और डरने वाला कृत्य ना करें।

LEAVE A REPLY