नई दिल्ली। आरएसएस के प्रमुख मोहन राव भागवत ने राम मंदिर को लेकर एक बयान जारी किया है। भागवत ने कहा कि भगवान श्रीराम का मंदिर भारतीय मुस्लिमों ने नहीं तोड़ा था, बल्कि विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं ने मंदिर को ध्वस्त किया था। भारतीय नागरिक ऐसी हरकत नहीं कर सकते। भारतीयों का मनोबल तोड़ने के लिए मंदिरों को टारगेट किया गया और आक्रांताओं ने इन्हें तोड़ा।
भागवत पालाघर जिले में आयोजित हिन्दू सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनाना आवश्यक है। अगर ऐसा नहीं ंहुआ तो हमारी संस्कृति की जड़ें कट जाएगी। देश और समाज आजाद है। हर उस चीज को फिर से बनाने का अधिकार है, जिसे विदेशीयों और आक्रांताओं ने नष्ट कर दिया है। मंदिर पहले वाले स्थान पर ही बनेगा। इसके लिए किसी भी लड़ाई के लिए हिन्दू समाज तैयार है। भगवान राम का मंदिर एक मंदिर नहीं है, बल्कि हमारी पहचान का प्रतीक था। इसे हर हाल में बनाया जाएगा।