delhi. सिडबी ने आज अपना स्‍थापना दिवस संपर्क, संवाद, सुरक्षा और संप्रेषण दिवस के रूप में मनाया। सिडबी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) मोहम्‍मद मुस्‍तफा ने लखनऊ स्थित अपने बैंक मुख्‍यालय से अनेक पहलों का शुभारंभ किया। उन्‍होंने कहा कि यह अपने अंतर्मन में झांकने और सही दिशा एवं विकास के लिए अपनी रणनीति को नए सिरे से तैयार करने का अवसर है।
उन्‍होंने ‘एमएसएमई संपर्क कार्यक्रम’ का शुभारंभ करते हुए बैंक अधिकारियों का आह्वान किया कि वे एमएसएमई में अपने पूरे कार्य दिवस का उपयोग इन उद्यमों में निहित अवसरों, चुनौतियों एवं संबंधित परितंत्र को समझने के लिए उनसे संपर्क साधने में करें, ताकि उनके कामकाज में सहूलियत सुनिश्चित करने के लिए संभावित उपायों को समझा जा सके। उन्‍होंने कहा कि सिडबी का सृजन इसी उद्देश्‍य से हुआ है और क्षेत्रीय स्‍तर पर उनकी पैठ के साथ-साथ उनकी चुनौतियों को समझना इस संगठन की सच्‍ची भावना है। सीएमडी मुस्‍तफा ने कहा कि सिडबी ने सीधे ऋण प्रदान करने (एमएसएमई को विकास सहायता- लगभग 8.12 प्रतिशत की ब्‍याज दरों के साथ ‘स्‍माइल’ ऋणों का शुभारंभ एवं रेजीडेंट प्रतिनिधि कार्यालयों के जरिए इसकी पैठ बढ़ाना) से लेकर नीतिगत हिमायत (एमएसएमई की अपेक्षाओं को जानने के लिए क्रिसिडेक्‍स एवं एमएसएमई की सेहत पर नजर रखने वाले एमएसएमई पल्‍स का शुभारंभ) तक अनेक कदम उठाए हैं।
सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए बैंकएश्‍योरेंस सेवाओं के शुभारंभ के रूप में एक और नया कदम उठाया गया। न्‍यू इंडिया एश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए गए और दो एमएसएमई को बीमा पॉलिसियां जारी की गईं। इस तरह सिडबी एक ही स्‍थान पर कई समाधान उपलब्‍ध कराने वाले निकाय के रूप में उभर रहा है। इस अवसर पर सिडबी की संशोधित वेबसाइट (www.sidbi.in) को लांच करते हुए सीएमडी ने कहा कि यह इस साइट की नये सिरे से परिकल्‍पना करने का एक प्रयास है, ताकि एमएसई के परितंत्र में व्‍यापक बदलाव लाने के उद्देश्‍य से सिडबी के नये जीवंत स्‍वरूप को प्रतिबिंबित किया जा सके। सिडबी द्वारा उठाए गए विभिन्‍न रणनीतिक कदमों से जुड़ी सटीक जानकारियां सुलभ कराने के अलावा यह ‘संपर्करहित ऋण प्‍लेटफॉर्म’ के रूप में अपनी अन्‍य पेशकश के जरिए एमएसएमई के आकांक्षी उद्यमियों के लिए व्‍यापक संभावनाओं को दर्शाती है। ‘संपर्करहित ऋण प्‍लेटफॉर्म’ को इस वेबसाइट पर जल्‍द ही सुलभ कराए जाने की संभावना है।

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