– जयपुर में हो सकेंगे क्रिकेट मैच और आईपीएल मैच, मिल सकेंगी रुकी हुई करोड़ों रुपए की वित्तीय सहायता
जयपुर। आखिर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए)के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी ने शुक्रवार देर रात आरसीए से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे से हर किसी को चौंका दिया। मोदी ने नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद के साथ ही सभी पदों से इस्तीफा दिया। मोदी ने कहा कि पन्द्रह साल से क्रिकेट के हर पक्ष का आनन्द लिया। अब नई पीढ़ी को मशाल देने का वक्त आ गया है। इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं। उम्मीद है बीसीसीआई आरसीए पर से बैन हटा सकेगा। मोदी के इस्तीफे से आरसीए के दिन फिर सकेंगे। करीब चार-पांच सालों से बैन लगा होने के कारण राजस्थान में मैच नहीं हो पा रहे थे। क्योंकि बीसीसीआई ने क्रिकेट सट्टे और दूसरी अनियमितताओं में फंसे ललित मोदी के आरसीए से इस्तीफा नहीं देने के कारण आरसीए और राजस्थान में क्रिकेट मैचों पर बैन लगा रखा था, साथ ही बीसीसीआई की ओर से मिलने वाली वित्तीय सहायता राशि भी रोक रखी थी। करीब चार साल से पाबंदी लगी होने के कारण राजस्थान नेशनल और इंटरनेशनल मैचों से वंचित हो रहा था। आईपीएल मैच भी नहीं हो पाए। यहीं नहीं राजस्थान क्रिकेटर को भी इसका नुकसान झेलना पड़ा। वित्तीय सहायता नहीं मिलने के कारण टूर्नांमेंट नहीं हो पाए और क्रिकेटरों को खेल और आर्थिक नुकसान भी हुआ। इस दौरान बीसीसीआई और आरसीए पदाधिकारियों ने भी ललित मोदी को इस्तीफा देने की बात कही, ताकि राजस्थान को हो रहे नुकसान से बचा जा सके और खेल को प्रोत्साहन मिलता रहे। लेकिन ललित मोदी ने भी हठधर्मिता रखते हुए इस्तीफा नहीं दिया और ना ही आरसीए पदाधिकारियों की सुनी। जिसके चलते राजस्थान को क्रिकेट में काफी नुकसान झेलना पड़ा। अब मोदी के इस्तीफे से यह तय है कि बीसीसीआई आरसीए पर लगे बैन को हटा देगा। अब जयपुर में क्रिकेट मैच हो सकेंगे। आईपीएल मैचों का मजा भी राजस्थान की जनता ले सकेंगी। करोड़ों रुपए की वह वित्तीय सहायता भी मिल सकेंगी, जो इतने सालों से रुकी हुई थी। उधर, ललित मोदी के इस्तीफा देने के फैसला का आरसीए पदाधिकारियों व सदस्यों ने स्वागत किया है।
– बेटे रुचिर मोदी का भविष्य दिखा…
ललित मोदी के इस्तीफा देने के पीछे कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि बीसीसीआई और आरसीए की नई कार्यकारिणी से सुलह होने, उनके खिलाफ चल रहे मुकदमों में कोर्ट के कड़े रुख और केन्द्र के साथ राजस्थान सरकार के कठोर रवैये के चलते उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं आरसीए में यह बड़ी चर्चा है कि आरसीए के अलवर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रुचिर मोदी के आरसीए में राह आसान बनाने और उसे आगे बढ़ाने के लिए ललित मोदी ने यह कदम उठाया है। क्योंकि ललित मोदी के चलते आरसीए पर जो बैन बीसीसीआई ने लगाया, उससे राजस्थान के क्रिकेट को नुकसान पहुंचा और इससे ललित मोदी की छवि खराब हुई। इसका खामियाजा दो महीने पहले हुए आरसीए चुनाव में तब देखने को मिला, जब उनके बेटे रुचिर मोदी को आरसीए चेयरमैन पद के चुनाव में हार देखनी पड़ी। आरसीए से बैन हटाने और क्रिकेट की भलाई के लिए ललित मोदी के चहेते और भरोसेमंद सदस्यों ने उनका साथ छोड़ दिया और विरोधी गुट के डॉ.सी.पी.जोशी को वोट देकर विजयी बना दिया। इससे ललित मोदी को खासा झटका लगा। आरसीए चुनाव में ललित मोदी गुट की हार के बाद भी बीसीसीआई ने तब तक बैन हटाने से इंकार कर दिया, जब तक ललित मोदी का इस्तीफी नहीं हो जाए। बीसीसीआई के इस कठोर रुख से रुचिर मोदी के आरसीए में क्रिकेट भविष्य पर प्रश्नचिन्ह दिखने लगा। वहीं कोर्ट-कचहरी में ललित मोदी के मामलों में भी उन्हें राहत नहीं मिल रही थी। ऐसे में ललित मोदी ने इस्तीफा देकर मैसेज देने की कोशिश की है कि वे आरसीए की भलाई के लिए इस्तीफा दे रहे हैं।
– खाली खजाना भर सकेगा
ललित मोदी के इस्तीफे से आरसीए से बैन हटने की पूरी संभावना है। वहीं रुकी करोड़ों रुपए की सहायता राशि मिलने से आरसीए की खाली तिजोरी भर सकेंगी। क्रिकेट मैच नहीं होने और ना ही बीसीसीआई से आर्थिक सहायता मिल पाने के कारण आरसीए का खजाना खाली हो गया। आरसीए सदस्यों, पदाधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन-भत्ते के लाले पड़ रहे हैं। क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं हो पा रहे और ना ही क्रिकेटर को आर्थिक मदद मिल पा रही है। खजाना खाली होने के कारण आरसीए की सबसे महत्वाकांक्षी योजना आरसीए का खुद क्रिकेट स्टेडियम ठण्डे बस्ते में पड़ा है। जो जमीन मिली है, उस पर कोई निर्माण नहीं होने से जमीन आवंटन निरस्त होने के नोटिस मिले हुए हैं। अब बैन हटने से आरसीए की दशा-दिशा सुधरने की उम्मीद है।

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