जयपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन(आरसीए) की ओर से बीसीसीआई के खिलाफ 2०14 में दायर किये गये दावे को वापस लेने की अर्जी पर सोमवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रम-4 जयपुर मेट्रो राजेन्द्र कुमार सैनी की अदालत में बहस पूरी हो गई। प्रकरण में अदालत 31 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगी। सोमवार को हुई बहस में आरसीए की ओर से वकील राजेश महर्षि और पंकज ने दलीले पेश कर कोर्ट को बताया कि ललित मोदी निलम्बित सचिव आर एस नांदू के जरिए आरसीए का बीसीसीआई से निलम्बन हटवाने में नई-नई बाधा खडी कर रहे है। जबकि नांदू के वकील का कहना था कि इन्होंने फर्जी दस्तावेज बना कर अर्जी पेश की है। इन्हें नागौर जिला संघ को निलम्बित करने का अधिकार नहीं है।

ललित मोदी के आरसीए अध्यक्ष बनने के बाद बीसीसीआई ने आरसीए की सम्बद्धता को निलंबित कर दिया था। जिसे आरसीए की ओर से अदालत में चुनौती दी गई। अब सीपी जोशी के अध्यक्ष बनने के बाद अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर दावा वापस लेने की अनुमति मांगी है। जिसे अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि प्रार्थना पत्र पेश करने वाले संयुक्त सचिव महेन्द्ग नाहर आरसीए के अधिकृत प्रतिनिधि नहीं है। इस पर कार्यवाहक सचिव नाहर की ओर से अध्यक्ष की ओर से जारी अधिकृत पत्र के साथ पुन: प्रार्थना पत्र पेश किया। बाद में आरसीए से निलंबित आर एस नांदू ने भी खुद को आरसीए सचिव बताते हुए दावा वापस लेने की अनुमति नहीं देने के संबंध में अपनी आपत्ति पेश कर रखी है।

LEAVE A REPLY