जयपुर। राजस्थान सरकार के उधोग, कृषि समेत अन्य क्षेत्रों में किए गए सुधारों के सुखद परिणाम अब सामने आने लगे हैं। कृषि क्षेत्र में हुए सुधारों के लिए भी प्रदेश देशभर के अग्रणी राज्यों में शुमार हो गया है। नीति आयोग द्वारा जारी कृषि सुधार सूचकांक में राजस्थान केवल महाराष्ट्र और गुजरात से पीछे है। नीति आयोग ने खेती के कार्यों में नवाचार, कृषि उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था में सुधारों तथा कृषि व्यवसाय में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेसÓ को रेखांकित करने के लिए कृषि सुधार सूचकांक जारी किया है। इस रैंकिंग में राजस्थान 70 अंक हासिल कर तीसरे स्थान पर है, जबकि गुजरात का स्कोर 71.5 और महाराष्ट्र 81.7 है। तीन सालों में किसानों की आमदनी बढऩे के साथ-साथ व्यवसायिक दृष्टि से भी खेती फ ायदे का सौदा बनती जा रही है। कृषि सुधार सूचकांक का उद्देश्य कृषि क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण और कमियों को दूर करने में राज्यों का सहयोग करना है ताकि यह क्षेत्र स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर विकास को गति दे सके। किसानों और राज्य सरकारों द्वारा नवाचार अपनाने तथा मार्केटिंग की व्यवस्था में सुधार से खेती न केवल अधिक लाभ का क्षेत्र बनेगा, बल्कि यह क्षेत्र गैर-कृषि क्षेत्रों की तरह अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकेगा।

LEAVE A REPLY