Sterilization spread

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने हिण्डौनसिटी में आयोजित राष्ट्रीय नसबंदी कैंप में हुए नसबंदी के फैल होने के मामले में क्षतिपूर्ति के विवाद का निपटारा केन्द्र सरकार के सर्कुलर के तहत दो माह में करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए अदालत ने याचिकाकर्ता को अपना प्रतिवेदन विभाग में पेश करने को कहा है। न्यायाधीश मनीष भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश रविता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में अधिवक्ता रामावतार बोचल्या ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने दो संतान होने के बाद 18 नवंबर 2016 को नसबंदी कराई थी।

नसबंदी के बावजूद याचिकाकर्ता के तीसरी संतान पैदा हो गई। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से क्षतिपूर्ति के लिए विभाग में संपर्क किया, लेकिन विभाग ने क्षतिपूर्ति देने से इंकार कर दिया। याचिका में कहा गया है कि इस संबंध में केन्द्र सरकार ने 6 जुलाई 2006 और 3 जनवरी 2007 को सर्कुलर जारी कर क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान किया है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को इन सर्कुलर के आधार पर विवाद का निस्तारण करने के आदेश दिए हैं।

LEAVE A REPLY