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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरूवार को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और हमले में राजस्थान के पांच शहीदों को 50 लाख रुपये तक नकद सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके लिए राज्य सरकार ने शहीदों के परिजनों को देय सहायता एवं सुविधा पैकेज को संशोधित किया है। गहलोत ने हमले में शहीद हुए बिनोल (राजसमंद) निवासी हैड कांस्टेबल श्री नारायण लाल गुर्जर, सुन्दरवाली (भरतपुर) निवासी कांस्टेबल श्री जीतराम, जैतपुर (धौलपुर) निवासी कांस्टेबल श्री भागीरथ सिंह, विनोद कलां (कोटा) निवासी कांस्टेबल श्री हेमराज मीणा एवं गोबिन्दपुरा, तहसील शाहपुरा (जयपुर) निवासी कांस्टेबल श्री रोहिताश लाम्बा की शहादत पर संवेदना व्यक्त की है।

मुख्यमंत्री ने अपने संवेदना संदेश में कहा कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बहादुर जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया है। राज्य सरकार इस घड़ी में शहीदों के परिवारों के साथ खड़ी है।
गहलोत ने कहा कि युद्ध या अन्य ऑपरेशनों में शहीद सैनिक अथवा अर्द्धसैनिक बलों के कार्मिक के परिवार को देय सहायता राशि को हमने बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि अब शहीद का परिवार कुल 50 लाख रुपये नकद अथवा 25 लाख रुपये नकद के साथ इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में 25 बीघा भूमि अथवा 25 लाख रुपये नकद के साथ राजस्थान आवासन मण्डल के एक आवास का विकल्प चुन सकता है।

राज्य सरकार द्वारा पूर्व की भांति शहीद परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी, बच्चों को पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति तथा माता-पिता को 3 लाख रुपये की सावधि जमा भी देय होगी। इसके साथ ही, सहायता एवं सुविधा पैकेज में परिवार के सदस्य को कृषि भूमि पर ‘आउट ऑफ टर्न’ आधार पर विद्युत कनेक्शन, शहीद की पत्नी एवं आश्रित बच्चों और शहीद के माता-पिता को राजस्थान रोड़वेज की डीलक्स एवं साधारण बसों में निःशुल्क यात्रा के लिए पास सुविधा तथा एक विद्यालय, अस्पताल अथवा अन्य सार्वजनिक स्थान का नामकरण शहीद के नाम पर किए जाना भी शामिल है।
गहलोत ने ईश्वर से दिवंगत जवानों की आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। उन्होंने हमले में घायल हुए जवानों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर के पुलवामा में हुआ वीभत्स आंतकी हमला एक कायरतापूर्ण कार्रवाई है, जिसकी भर्त्सना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की प्रतिबद्धता कम नहीं होगी।

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