Property brokerage organization said, the notion of recession in the real estate market is wrong

इंदौर। नोटबंदी से रीयल एस्टेट बाजार में मंदी की धारणा को गलत बताते हुए प्रॉपर्टी दलालों के एक संगठन ने आज कहा कि साल भर पहले हुए विमुद्रीकरण के बाद स्थानीय स्तर पर जमीनों और इमारतों की कीमतों में गिरावट दर्ज नहीं की गयी है। इंदौर रिएल्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (आईआरडब्ल्यूए) के चेयरमैन भूपेंद्र जोशी ने संवाददाताओं से कहा, “नोटबंदी के बाद रीयल एस्टेट बाजार में मंदी आ जाने की धारणा सही नहीं है। विमुद्रीकरण के बाद शहर में अचल संपत्तियों की कीमतों में कमी नहीं आयी है।

” उन्होंने कहा, “रीयल एस्टेट बाजार में परेशानी खासकर उन ​बिल्डरों को हो रही है जिन्होंने पर्याप्त आधारभूत ढांचा विकसित किये बगैर अपनी परियोजनाएँ शुरू कीं।” जोशी ने बताया कि उनका संगठन स्थानीय प्रॉपर्टी दलालों को रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरटी (रेरा) में पंजीयन और इसके प्रावधानों के पालन के प्रति जागरूक कर रहा है, ताकि उनके कारोबार को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि प्रॉपर्टी दलाली क्षेत्र की मौजूदा चुनैतियों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिये आईआरडब्ल्यूए 15 दिसंबर को यहां राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करेगा। इसमें देश भर से रीयल एस्टेट क्षेत्र के करीब 500 नुमाइंदों के भाग लेने की उम्मीद है।

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