नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए ने जहां दलित कार्ड खेलते हुए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाया। वहीं अब विपक्षी दलित कार्ड के सामने किसान कार्ड खेलने की तैयारी में है। अभी तक जो खबरें छन कर आ रही है।

उसके अनुसार तो कांग्रेस ने हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को अपना उम्मीदवार बनाना तय कर लिया है। जिस पर अन्य दलों से राय लेना ही बाकी है। उम्मीद लगाई जा रही है कि स्वामीनाथन के नाम पर उनकी सहयोगी पार्टियां स्वीकृति प्रदान कर देंगी। अपनी सहयोगी पार्टियों से स्वीकृति मिलने के साथ ही कांगे्रस स्वामीनाथन से संपर्क करेगी। इस कवायद के पीछे कांग्रेस का यह मानस है कि वह राजनीति छवि से जुड़े उम्मीदवार के बजाय किसी प्रतिष्ठित व देश के लिए सम्मानीय छवि रखने वाले शख्स को ही अपना उम्मीदवार घोषित करे।

वहीं इन दिनों शिवसेना व भाजपा के बीच उभरती रार के बीच कांग्रेस को यह उम्मीद है कि स्वामीनाथन के नाम पर शिवसेना उसे सहयोग प्रदान कर देगी। स्वामीनाथन यदि उम्मीदवार से इंकार करते हैं तो दूसरे नम्बर गोपाल कृष्ण गांधी व तीसरे प्रत्याशी के तौर पर मीरा कुमार के नाम की संभावना जताई जा रही है। जिस तरह से एनडीए ने जहां रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाया। उससे आशंका लगाई जा रही है कि बिहार से नीतिश कुमार व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव उनको समर्थन करेगी, लेकिन कांग्रेस इस बात को नकार रही है।

उसका यह मामना है कि नीतीश व लालू उनको समर्थन देने से बचेंगे। जबकि कांगे्रस ने शिवसेना को एनडीए से अलग करने के लिए स्वामीनाथन के नाम पर मंथन करने जुटी हुई है। फिर भी राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर यदि मतदान की स्थिति आई तो एनडीए का पलड़ा ही भारी पड़ता नजर आ रहा है। हालांकि इस मामले में कांंग्रेस आलाकमान सहित गैर एनडीए दलों के साथ बात होना बाकि है। इसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय निकलकर सामने आ सकता है।

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