Prashant Sharma, sachin piolet, amer
Prashant Sharma, sachin piolet, amer

जयपुर जिले की आमेर सीट पर प्रशांत शर्मा को टिकट दिए जाने से बागड़ा ब्राह्मण बहुल इस सीट पर कांग्रेस का विरोध शुरु हो गया है। बागड़ा ब्राह्मण समाज के तीस हजार वोट बैंक की अनदेखी करके मात्र एक या दो परिवार वाले वाले वोटबैंक के पालीवाल ब्राह्मण समाज के प्रशांत शर्मा को टिकट दिया है। समाज की अनदेखी से नाराज बागड़ा समाज के सभी संगठनों ने कांग्रेस प्रत्याशियों की खिलाफत और कांग्रेस के खिलाफ वोट देने की रणनीति बनानी शुरु कर दी है। बागड़ा समाज की नाराजगी से एक दर्जन से अधिक सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत के समीकरण बिगड़ सकते हैं।
————–
राकेश कुमार शर्मा
जयपुर। जयपुर की एक सीट पर अपने चहेते कार्यकर्ता को टिकट दिलाने के लिए पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने जयपुर, अलवर, भरतपुर और कोटा की एक दर्जन सीटों पर संकट खड़ा कर लिया है या यह कहे कि एक दर्जन कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत के समीकरण बिगाड़ लिए हैं। गुरुवार देर रात जारी हुई 152 सीटों की सूची में से जयपुर जिले की आमेर सीट से प्रशांत शर्मा को प्रत्याशी बनाया गया है। इस सीट पर पूर्व विधायक गंगा सहाय शर्मा, महेश शर्मा दौलतपुरा और पूर्व केन्द्रीय मंत्री लालचंद कटारिया भी दावेदार थे।

वहीं गंगासहाय शर्मा व महेश शर्मा दौलतपुरा की तगड़ी दावेदारी को नकार कर प्रशांत शर्मा को टिकट दिया है। प्रशांत शर्मा पीसीसी चीफ सचिन पायलट के खासे है। टिकट देते वक्त ना तो आमेर सीट के जातिगत समीकरण देखे गए और ना ही कार्यकर्ताओं की भावनाओं का ध्यान रखा गया। आमेर सीट में सर्वाधिक वोटर ब्राह्मण समाज के है, जो पचास हजार के करीब है। इसमें से तीस हजार वोट बैंक बागड़ा ब्राह्मण समाज का है। दस हजार वोट हरियाणा ब्राह्मण समाज के है, जो बागड़ा ब्राह्मण समाज की तरह खेतीहर ब्राह्मण समाज से है। शेष दस हजार में से चार हजार गौड़ और खाण्डल ब्राह्मण समाज, तीन हजार पारीक समाज के वोट है। आमेर से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए प्रशांत शर्मा पालीवाल ब्राह्मण समाज से है, जिनके एक या दो परिवार ही आमेर सीट में रहते हैं। खुद प्रशांत शर्मा भी नंदपुरी सोढाला के निवासी है।

बागड़ा ब्राह्मण बहुल इस सीट से प्रशांत शर्मा को टिकट दिए जाने से विरोध के स्वर उठने लगे हैं। बागड़ा-हरियाणा ब्राह्मण समाज तो विरोध जताने एकजुट हो गया है, साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रशांत शर्मा को टिकट दिए जाने पर नाराजगी जाहिर करनी शुरु कर दी है। पीसीसी चीफ सचिन पायलट के आमेर सीट पर प्रशांत शर्मा को टिकट दिलवाए जाने से ब्राह्मण समाज में गहरी नाराजगी देखी गई है। रात को सूची जारी होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर कांग्रेस और प्रशांत शर्मा का विरोध शुरु हो गया है। सुबह जैसे ही आमेर से बागड़ा समाज के प्रबल दावेदार पूर्व विधायक गंगासहाय शर्मा और महेश शर्मा दौलतपुरा को टिकट नहीं मिलने और प्रशांत शर्मा को टिकट मिलने की सूचना लोगों को मिली तो सोशल मीडिया पर बागड़ा समाज ने इसे धोखा करार देते हुए कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी शुरु हो गई है। साथ ही कांग्रेस पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों को कांग्रेस छोडऩे के लिए कहा जा रहा है।

एकजुट होकर कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ वोटिंग करने और क्षेत्र में उनका विरोध करने जैसी पोस्ट शुरु हो गई है। आमेर विधानसभा क्षेत्र के बगवाड़ा गांव के एडवोकेट मंगल चन्द प्रधान का कहना है कि जिस समाज का एक परिवार आमेर में वोटर नहीं है, ऐसे समाज के व्यक्ति को टिकट देकर कांग्रेस ने तीस हजार वोट बैंक वाले बागड़ा समाज का अपमान किया है। अगर बागड़ा समाज को टिकट मिलता तो पहले की तरह यह सीट कांग्रेस जीतती, बल्कि एक दर्जन से अधिक सीटों पर भी कांग्रेस को फायदा मिलता। बागड़ा बहुल एक दर्जन से अधिक सीटों पर अब कांग्रेस प्रत्याशियों को विरोध झेलना पड़ेगा। इसका सीधा फायदा अब भाजपा को मिलेगा। चौंप निवासी उत्तम चन्द पतालिया ने कहा कि प्रशांत शर्मा को टिकट देकर कांग्रेस ने यह सीट भाजपा की झोली में डाल दी है। वैसे भी बागड़ा समाज भाजपा का वोटर रहा है। गंगासहाय शर्मा को टिकट देने से यह समाज कांग्रेस से जुड़ा था, जो अब टिकट कटने के साथ ही कांग्रेस से टूट गया है।

– लामबंद हुआ बागड़ा समाज
आमेर सीट से बागड़ा ब्राह्मण समाज के दावेदारों की अनदेखी कांग्रेस पर भारी पड़ती दिख रही है। पूर्व विधायक गंगा सहाय शर्मा और महेश शर्मा दौलतपुरा को टिकट नहीं मिलने से नाराज बागड़ा ब्राह्मण समाज ने भी कांग्रेस की खिलाफत करने की ठान ली है। आमेर सीट से नहीं बागड़ा बहुल दूसरी सीटों पर कांग्रेस को वोट नहीं देने की अपीलें होने लगी है। इस संबंध में बागड़ा समाज के सभी संगठन और राष्ट्रीय महासभा ने एक अहम बैठक बुलाई है, जिसमें कांग्रेस मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन करने और कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ वोट देने के प्रस्ताव पारित हो सकते हैं, साथ ही आमेर सीट से गंगासहाय शर्मा या किसी अन्य समाजबंधु को निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान हो सकता है। उधर, टिकट कटने से आमेर क्षेत्र के कार्यकर्ता और बागड़ा समाज के लोग गंगा सहाय शर्मा के आवास पर जुटने लगे हैं। वहां दोपहर में एक मीटिंग रखी गई है, जिसमें आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा।

– कांग्रेस की इन सीटों पर बिगड़ेंगे समीकरण
जयपुर जिले की आमेर सीट में सर्वाधिक वोटर बागड़ा ब्राह्मण है। यहां 30 हजार वोटर्स बागड़ा समाज से है। आमेर से ज्यादा बगरु में 45 हजार वोटर्स बागड़ा समाज के है। सांगानेर में 24 हजार, झोटवाड़ा में 26 हजार, जमवारामगढ़ में 24 हजार, बस्सी में 16 हजार, मालवीय नगर में 18 हजार, सिविल लाइन्स में 15 हजार, विद्याधर नगर में 8 हजार, चौमूं में 14 हजार, चाकसू में 23 हजार तो दूदू और फुलेरा में 12-12 हजार वोट बैंक बागड़ा समाज का है। इसी तरह अलवर की थानागाजी सीट पर 32 हजार और बानसूर में 19 हजार से अधिक वोट बागड़ा समाज का है। इसी तरह कामां, केशोरायपाटन, सुजानगढ़, परबतसर, लाडनूं, में भी पन्द्रह हजार से अधिक वोट बैंक समाज का है। जयपुर की किशनपोल, हवामहल, आदर्श नगर विधानसभा सीट पर तीन से सात हजार वोटबैंक है।

– अपने हाथों लिखी हार की इबादत?
आमेर सीट से सिर्फ अपने चहेते प्रशांत शर्मा पालीवाल को टिकट दिलवाने के लिए जयपुर-अलवर जिले के एक बड़े वोटबैंक बागड़ा ब्राह्मण समाज को पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने नाराज कर दिया है, जबकि इस बार बीजेपी सरकार की नीतियों और किसान विरोधी कृत्यों के कारण बागड़ा समाज नाराज था और बीजेपी के खिलाफ अधिकांश लोग खिलाफत में थे, लेकिन आमेर सीट से बागड़ा समाज के दावेदारों पूर्व विधायक गंगा सहाय शर्मा और महेश शर्मा दौलतपुरा की अनदेखी करके प्रशांत शर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने से भाजपा के खिलाफ बने माहौल को बिगाड़ दिया है। आमेर में बड़ा वोट बैंक बागड़ा समाज होने के बावजूद जिस तरह से कांग्रेस ने इसे नजरअंदाज किया है, उससे समाज में गहरी नाराजगी व्याप्त हो गई है। प्रशांत शर्मा जिस पालीवाल समाज से आते हैं, उस पालीवाल समाज के एक या दो परिवार ही आमेर में है। यहीं नहीं जयपुर जिले में दो हजार परिवार से अधिक इस समाज के लोग नहीं है। जबकि जयपुर जिले में एक दर्जन विधानसभा सीटों में 10 हजार से 45 हजार का वोट बैंक है। शेष जिले की दूसरी सीटों पर भी तीन से सात हजार वोट बैंक समाज का है। अलवर, भरतपुर, कोटा, शेखावाटी के ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों समाजबंधु है। इस फैसले से कांग्रेस के पक्ष में हो रहा माहौल अचानक से बदल गया है। या कहे कि कांग्रेस ने एक दर्जन से अधिक सीटों पर जीत के समीकरण बिगाड़ लिए हैं और हार की इबादत लिख ली है। ऐसा इसलिए कि टिकट नहीं मिलने से बागड़ा समाज आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गया है। हालांकि सांगानेर सीट पर बागड़ा समाज की दावेदारी पर कांग्रेस मुहर लगाती है या नहीं, फिलहाल यह देखना बाकी है। अगर कांग्रेस ने यहां भी समाज की दावेदारी को नकार दिया तो समाज भी आर-पार की लड़ाई के मूड में कूद पड़ेगा। वैसे तो आज से इसकी तैयारी शुरु हो गई है। समाज ने बैठकें शुरु करके रणनीति बनानी शुरु कर दी है।

– सीपी जोशी भी नहीं दिला पाए टिकट
गंगा सहाय शर्मा को पूर्व केन्द्रीय मंत्री गंगा सहाय शर्मा का समर्थक माना जाता रहा है। दिल्ली में सीपी जोशी ही गंगा सहाय की लॉबिंग कर रहे थे। लेकिन सीपी जोशी गंगा सहाय को टिकट नहीं दिला पाए। टिकट नहीं मिलने से गंगा सहाय शर्मा के समर्थक सीपी जोशी से उखड़े हुए दिख रहे हैं। गंगा सहाय शर्मा समेत कुछ नेता ही ऐसे है, जो बुरे दिनों में भी सीपी जोशी के साथ हमेशा दिखे। लेकिन टिकट नहीं मिलने से समर्थकों में नाराजगी है और सीपी जोशी के साथ पीसीसी चीफ सचिन पायलट, पूर्व सीएम अशोक गहलोत तक समाज के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने अपनी भावनाएं भी व्यक्त कर दी है।

LEAVE A REPLY