जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज को-विन ग्लोबल कॉन्क्लेव को संबोधित किया जहां भारत ने 142 देशों के प्रतिनिधियों की वर्चुअल वैश्विक बैठक में विश्व के सामने स्वदेशी रूप से विकसित को-विन प्लेटफॉर्म को प्रस्तुत किया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की जिसका आयोजन को-विन के जरिये विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की योजना बनाने, रणनीति बनाने तथा क्रियान्वित करने के संबंध में भारत की सीख तथा अनुभवों को साझा करने के लिए किया गया था।

बांग्लादेश के आईसीटी के माननीय राज्यमंत्री जुनैद अहमद पलक, भूटान की माननीय स्वास्थ्य मंत्री ल्योन्पो डेचेन वांग्मो, जिबूती के माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अहमद रोबले अब्दिलेह, गुयाना के माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. फ्रैंक सी. एंथोनी, मालदीव के माननीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. शाह माहिर, अफगानिस्तान के माननीय जन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. वाहिद मजरूह ने भी वर्चुअल माध्यम से इस बैठक में भाग लिया।

ग्लोबल कॉन्क्लेव का आयोजन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू, विदेश मंत्रालय (एमईए) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया जिसका उद्देश्य एक डिजिटल सार्वजनिक भलाई के रूप में को-विन प्लेटफॉर्म को विश्व के सामने प्रस्तुत करना था।

प्रधानमंत्री ने को-विन प्लेटफॉर्म के प्रति दुनियाभर के देशों द्वारा प्रदर्शित उत्साह एवं दिलचस्पी पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “ भारत इस लड़ाई में वैश्विक समुदाय के साथ हमारे सभी अनुभवों, विशेषज्ञता तथा संसाधनों को साझा करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। अपनी सभी बाधाओं के बावजूद, हमने विश्व के साथ जहां तक संभव है, साझा करने का प्रयास किया है। साथ ही, हम वैश्विक प्रथाओं से सीखने के प्रति उत्सुक बने हुए है। टेक्नोलॉजी, कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई का अभिन्न हिस्सा है। सौभाग्य से, सॉफ्टवेयर एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें संसाधनों की कोई कमी नहीं है।

टीकाकरण अभियान में को-विन द्वारा उपलब्ध डिजिटल आधार की चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि अगर आज की विश्वव्यापी दुनिया में महामारी के बाद की दुनिया को सामान्य अवस्था में लौटना है, तो ऐसा डिजिटल नजरिया अपनाना आवश्यक होगा। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहयोग और एकजुटता के महत्व को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘ भारतीय सभ्यता पूरी दुनिया को एक परिवार मानती है। इस महामारी ने कई लोगों को इस सिद्धांत की मूलभूत सच्चाई महसूस करायी है। ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर मानवता निश्चित रूप से इस महामारी पर विजय प्राप्त करेगी।’

सम्मेलन को संबोधित करते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि, “को-विन हमारी डिजिटल इंडिया पहल का गौरव है। ‘

उन्होंने यह भी कहा कि, ‘‘हमने एक मजबूत, समावेशी तथा मापनीय प्रणाली विकसित की है जो किराये की मांग, कालाबाजारी तथा अन्य कदाचारों को रोक सकती है। उन्होंने कहा कि को-विन प्लेटफॉर्म को आवश्यकतानुसार विस्तारित किया जा सकता है। मैं उन नये तरीकों को देखकर रोमांचित हूं जिसके माध्यम से दुनिया भर के देशों द्वारा अपने टीकाकरण अभियानों में तेजी लाने के लिए इस प्लेटफॉर्म का लाभ उठाया जा सकता है।”

डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि 1.3 अरब से अधिक लोगों वाले इस देश में को-विन ने सूचना से संबंधित असमानता को दूर करते हुए और हितधारकों को जोड़कर टीकों के निष्पक्ष और समान वितरण के साथ-साथ उनकी अंतिम छोर तक आपूर्ति को सुनिश्चित किया। उन्होंने सभी लोगों को यह भी याद दिलाया कि बहुभाषी सुविधा उपलब्ध कराते हुए उपयोग में आसानी के अतिरिक्त, को-विन ने टीकाकरण के बाद की प्रतिकूल घटनाओं (एईएफआई) की निरंतर ट्रैकिंग को  सक्षम बनाया है ताकि नागरिकों को न केवल ऐसी प्रतिकूल घटनाओं से निपटने में मदद मिल सके बल्कि नीति निर्माण के लिए डेटा भी तैयार किया जा सके। उन्होंने बताया कि किस प्रकार राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन जो वर्तमान में इसका नेतृत्व कर रहा है, उसमें सभी प्रकार का डेटाबेस होगा और उसमें ऐसी सुविधा होगी जिससे जब कभी आवश्यकता होगी, रोगी अपना रिकॉर्ड प्राप्त कर सकता है।

 

LEAVE A REPLY