Government has stepped up big reforms, changes made in the manner of government machinery: Modi
‘मन की बात’ में पीएम मोदी का कबीर ज्ञान, कबीर सोई पीर है जो जाने पर पीर

नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज इस बात पर अफसोस जताया कि बहुत से लोगों ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर का मजाक उड़ाया और एक पिछड़े परिवार के बेटे को आगे बढ़ने से रोकने के लिए उनके रास्ते में तमाम तरह की बाधाएं खड़ी की गयीं ।लेकिन प्रधानमंत्री ने साथ ही कहा कि आज का भारत पूरी तरह एक अलग भारत है क्योंकि यह भारत गरीब और पिछड़े का भारत है। रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘‘ मन की बात ’’ में प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री , राम मनोहर लोहिया, चरण सिंह और देवी लाल जैसे नेताओं की भूमिका की भी सराहना की जिन्होंने राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण पहलुओं में कृषि और किसान के महत्व को समझा था।

प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘ अम्बेडकर ने हमें यह दिखाया था कि सफल होने के लिए यह जरूरी नहीं कि एक व्यक्ति संपन्न और धनी मानी परिवार में ही पैदा हो बल्कि भारत में गरीब परिवारों में जन्म लेने वाले भी सपने देख सकते हैं और सफलता हासिल करते हुए उन सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखते हैं । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह स्वयं अम्बेडकर के दर्शन का उदाहरण हैं। बहुत से लोगों ने अम्बेडकर का मजाक उड़ाया और उन्हें पीछे धकेलने की कोशिश की …. हर संभव प्रयास किए गए कि एक गरीब और पिछड़े परिवार का बेटा जिंदगी में तरक्की न कर सके ….. जिंदगी में सफल न हो सके और कहीं कुछ बन न जाए।लेकिन नए भारत की तस्वीर इससे एकदम अलग है।यह वह भारत है जो अम्बेडकर का भारत है, गरीब का भारत है, पिछड़े का भारत है। ’’

उन्होंने कहा कि डॉ अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल से 5 मई तक ‘ग्राम-स्वराज अभियान’ आयोजित किया जा रहा है । इसके तहत पूरे भारत में ग्राम-विकास, ग़रीब-कल्याण और सामाजिक-न्याय पर अलग-अलग कार्यक्रम होंगे । प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमने शासन के हर पहलू में सहकारी संघवाद और उससे आगे बढ़ कर प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद के मन्त्र को अपनाया गया है । डॉ बाबा साहब अम्बेडकर पिछड़े वर्ग से जुड़े मुझ जैसे करोड़ों लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं । बाबा साहब ने संघवाद, संघीय-व्यवस्था के महत्व पर बात की और देश के उत्थान के लिए केंद्र और राज्यों के साथ मिलकर काम करने पर बल दिया ।

 

 

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