जयपुर। राज्य के पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) प्रकोष्ठ द्वारा 18 जुलाई को गुजरात के यशदीप अस्पताल में किये गये सफल इंटरस्टेट डिकॉय ऑपरेशन में तबीयत खराब होने के कारण पहले से हिरासत में लिये गए दोनों आरोपित चिकित्सकों महेन्द्र कुमार (संचालक, यशदीप अस्पताल) एवं अन्य सहायक चिकित्सक दीपक कुमार पटेल को अब पीसीपीएनडीटी ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन, राजस्थान ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों से डिकॉय राशि के कुल 30 हजार के हू-ब-हू नम्बरी नोट बरामद कर लिए हैं। उल्लेखनीय है कि इस इंटरस्टेट डिकॉय ऑपरेशन में पूर्व में एक आरोपित महिला दलाल शांता देवी (48), निवासी उदयपुर को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसे पीसीपीएनडीटी न्यायालय, उदयपुर ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शुभ्रा सिंह ने बताया कि इंटरस्टेट डिकॉय कार्रवाई को पूर्ण करने के लिए पीसीपीएनडीटी डिकॉय टीम लगातार गत एक सप्ताह से गुजरात के हिम्मत नगर में कैम्प कर सम्पूर्ण विधिक कार्यवाही को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। हिरासत में लिये गए दोनों आरोपित चिकित्सकों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही आरोपित चिकित्सक महेन्द्र कुमार से भ्रूण लिंग जांच के एवज में लिए 20 हजार एवं दूसरे आरोपित दीपक पटेल से 10 हजार की डिकॉय राशि बरामद कर ली है। गौरतलब है कि दोनों चिकित्सक मौके के कार्रवाई के दौरान ही अपनी तबीयत खराब होने के कारण गत एक सप्ताह से पास में स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। दोनों आरोपित चिकित्सकों को न्यायालय, पीसीपीएनडीटी उदयपुर में सोमवार को ही पेश कर दिया है। मिशन निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि प्रदेश में गर्भ में पल रही बेटियों को बचाने की मुहिम के दृष्टिगत विशेष रूप से लिंगानुपात में पिछड़ रहे क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गये हैं। सभी जिलों में स्थानीय स्तर पर कार्यरत आशा-एएऩएम के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच के दौरान परिजनों के साथ लगातार काउंसलिंग भी करायी जा रही है।

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