जयपुर। जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने विभागीय अधिकारियो को निर्देश दिए हैं कि पेयजल प्रोजेक्ट्स में तकनीकी स्वीकृति, टेंडर और कार्यादेश जैसी तकनीकी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाते हुए वे सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें, जिससे निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार आमजन को समय पर उनका लाभ दिलाया जा सके।
डॉ. जोशी शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जयपुर जिले में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को सभी पेयजल प्रोजेक्ट्स की वर्तमान स्थिति, अगर कहीं क्रियान्वयन में देरी हो रही है तो उसके कारण तथा आने वाले दिनों में सभी कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करने के लिए अपने सुझावों सहित विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस रोड मैप के आधार पर बजट घोषणाओं सहित सभी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के कार्यों की नियमित अंतराल पर समीक्षा होगी।
जलदाय मंत्री ने बैठक में गर्मियों में लोगों की अतिरिक्त पेयजल आवश्यकताओं के मद्देनजर अब तक की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने क्षेत्रों में ग्रीष्म काल में माकूल पेयजल प्रबंधन के लिए कंटीजेंसी राशि का सदुपयोग करें। यदि किसी स्थान पर स्वीकृति के अलावा भी अतिरिक्त राशि की आवश्यकता है तो उसका अग्रिम आंकलन करते हुए प्रस्ताव तैयार कर भिजवाएं। उन्होंने विशिष्ट क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से जल परिवहन की व्यवस्था को पूर्ण पारदर्शिता और निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार संचालन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थान पर लोगों को पेयजल आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं आए। इसके लिए जल परिवहन व्यवस्था की सख्त मॉनिटरिंग हो और निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
डॉ. जोशी ने कहा कि सभी पेयजल योजनाओं में शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल आपूर्ति राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि निजी कॉलोनियों एवं विकास समितियों को विभाग द्वारा जो नलकूप बनाकर संचालन के लिए सौंपे जाते हैं, उनमें भी पेयजल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभाग के स्तर पर समय-समय पर नमूनों का संग्रहण हो और उनकी नियमित जांच का सिस्टम विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि अमृत मिशन में जहां-जहां भी कार्य पूर्ण हो गए हैं, वहां सड़कों को दुरूस्त कराने के लिए पीएचईडी के अधिकारी नगर निगम या सम्बंधित एजेंसी के साथ समन्वय रखते हुए फालोअप करें। बैठक में बताया गया कि अमृत मिशन के तहत जयपुर में 6238 कनेक्शन में से 5600 कनेक्शन जारी करते हुए 90 प्रतिशत भौतिक प्रगति पूरी कर ली गई है। जलदाय मंत्री ने इस मिशन के शेष बचे कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए।
बैठक में जानकारी दी गई कि गर्मियों में जयपुर शहर, बगरू, चाकसू, शाहपुरा, मनोहरपुर, विराटनगर और कोटपूतली के विशिष्ट क्षेत्रों में आगामी एक अप्रैल से 31 अगस्त 2022 तक जल परिवहन के लिए 652.70 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। इनमें से वर्तमान में बगरू, विराटनगर और जयपुर में 152 टैंकर्स से 855 टैंकर ट्रिप प्रतिदिन के आधार पर जल परिवहन कर लोगों को पेयजल आपूर्ति की जा रही है। इसके साथ ही जयपुर जिले में स्वीकृत 40 हैंडपम्प के कार्यों में से 38 की खुदाई पूरी कर 33 की कमिश्निंग और इसी प्रकार 443 नलकूपों की स्वीकृति के विरूद्ध 350 की खुदाई करते हुए 278 नलकूप स्थापित करने के कार्य पूरे कर लिए गए हैं। डॉ. जोशी ने बाकी कार्यों को भी आगामी दिनों में प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
जलदाय मंत्री ने बैठक में शहरी जल प्रदाय योजना-जामडोली, शहरी जल प्रदाय योजना -आमेर, शहरी जल प्रदाय योजना-पृथ्वीराज नगर (फेज-1, स्टेज-1), शहरी जल प्रदाय योजना-खो नागोरियान, शहरी जल प्रदाय योजना-जगतपुरा (आधारभूत संरचना), शहरी जल प्रदाय योजना-जगतपुरा (जल वितरण प्रणाली) तथा बीसलपुर-जयपुर जलापूर्ति योजना (फेज-2, स्टेज-1) की सहित अन्य कार्यों और गतिविधियों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा करते हुए इनके बारे में अधिकारियों से जानकारी लीं।
बैठक में वीसी द्वारा जलदाय विभाग की संयुक्त शासन सचिव पुष्पा सत्यानी, मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) सीएम चौहान, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जयपुर-द्वितीय मनीष बेनीवाल, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (शहरी) अमिताभ शर्मा, अधीक्षण अभियंता (शहरी) सुरेन्द्र शर्मा, अधीक्षण अभियंता-जयपुर (दक्षिण) नितिन जैन, अधीक्षण अभियंता-जयपुर (उत्तर) अजय सिंह, अधीक्षण अभियंता-जयपुर (प्रोजेक्ट) शुभांशु दीक्षित सहित जिले में प्रोजक्ट एवं रेग्यूलर विंग के अन्य सम्बंधित अधिकारी भी जुड़े।

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