नई दिल्ली। अन्ना हजारे एक बार फिर सुर्खियों में है । जब पिछली बार अन्ना हजारे ने आन्दोलन किया था तो सारा देश उनके साथ जुट गया था। और हर आदमी उनकी इस मुहिम से जुड़ गया। केजरीवाल भी आन्ना हजारे के आन्दोलन के दौरान ही सुर्खियों में आए थे। और उस आन्दोलन के कारण ही आम आदमी पार्टी वजूद में आई। उन्ही अन्ना हजारे ने लोकपाल की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है। लोकपाल की नियुक्ति को लेकर हो रही देरी पर उन्होंने सरकार को घेरा और दिल्ली में एक और आंदोलन की चेतावनी दी। प्रधानमंत्री मोदी को लिखे खत में अन्ना ने केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति, प्रत्येक राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सिटिजन चार्टर की मांग की है।

खत में उन्होंने कहा ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सबसे बड़े आंदोलन को 6 साल से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन 6 साल बाद भी सरकार ने भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए कुछ नहीं किया।’ उन्होंने आगे कहा ‘पिछले तीन सालों से मैं आपकी सरकार को लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए याद दिलाता रहा हूं लेकिन आपने मुझे कभी जवाब नहीं दिया और ना ही एक्शन लिया।’अन्ना इससे पहले भी पीएम मोदी को पत्र लिख चुके हैं जिसमें उन्होंने अधूरे चुनावी वादों को पूरा करने की मांग की थी। उन्होंने पीएम को याद दिलाते हुए कहा था कि उन्होंने उनकी सरकार में और पिछली सरकार यानी कांग्रेस की सरकार में कोई खास अंतर नहीं दिखाई देता। गौरतलब है कि 6 साल पहले अन्ना ने दिल्ली के रामलीला मैदान से जनलोकपाल बिल के लिए भूख हड़ताल की थी। इस दौरान अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और बाबा रामदेव उनकी टीम में शामिल थे। भ्रष्टाचार मुक्त भारत नाम के इस आंदोलन में यूपीए सरकार और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठी। जिसके बाद लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने 2013 में लोकपाल कानून पास कर दिया था।

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