अलवर में मासूम नाबालिग मूक—बधिर बालिका के साथ हुए दर्दनाक हादसे पर राजनीति बीजेपी नेताओं के दोहरे मापदंड को दर्शाती है। बीजेपी सांसद किरोडीलाल मीणा व भाजपा के नेताओ में अपनी राजनीति चमकाने की प्रतिस्पर्धा में रणथम्मभैार की निजी यात्रा पर आईं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ जो किया वह बीजेपी नेताओं की बेशर्मी को ही दर्शाता है। प्रियंका जी ने तो पीड़ित के परिजनों बात भी करी हर सभंव सहायता का विशवास जताया किन्तु यह जबरन सहानुभूति बटोरने और खुद को अनुसूचित जाति और जनजाति का मसीहा बताने वाले किरोडी मीणा व राज्य से केंद्र में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व सतीश पुनिया को बताना चाहिए कि वह हाथरस में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई मासूम बालिका के मामले में चुप क्यों थे ! योगी सरकार ने इस मामले को दबाने और आरोपियों को बचाने में खुलेआम पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग किया तो डॉ मीणा का अनुसूचित जातियों के प्रति प्रेम क्यों नहीं उभरा था ! ना ही इन भाजपा के नेताओ का पीडिता के मजिस्ट्रेट को दिए बयान के बावजूद पुलिस ने दस दिन तक आरोपियों को एरेस्ट नहीं किया और इलाज के दौरान मौत होने के बाद पीडिता के परिजनों की मर्जी के बिना पुलिस ने रात में ही पीडिता का अंंतिम संस्कार कर दिया था। इसके बाद योगी सरकार ने मामले केा दबाने और आरोपियों को बचाने के लिए हर हथकंडा अपनाया था।
इसके बावजूद किरोडी मीणा सहित बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां व अन्य नेता बेशर्मी से ना केवल चुप रहे बल्कि एक अनुसूचित जाति की बालिका के दुषकर्म करने वालों को मौन समर्थन देते रहे।
गुर्जर ने कहा है कि बीजेपी नेताओं के हाथ ही नहीं बल्कि उनकी आत्मा तक मासूमों के खून से लबरेज है। लख्रीमपुर खीरी में किसानों की हत्या करने वाले का ​बाप आज तक केन्द्रीय मंत्रीमंडल में बना हुआ है लेकिन,मजाल है कि किसी बीजेपी नेता के मुंह से एक शब्द निकला हो। कृषि बिलों के विरोध करने वाले किसानों को खालिस्तानी और मवाली बोलने वाले बीजेपी नेताओं और उनके समर्थकों को याद रखना होगा कि आने वाले समय में यही किसान कौम उनके भविष्य को तय करेगी और उनके कारनामों का हिसाब लेगी।
गुर्जर ने उप—नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड के अपराध और अपराधियों पर सवाल उठाने पर कहा है कि राठौड को कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरहेबान में झांकने और अपने कारनामों को याद रखना चाहिए। अपराधियों और अपराध से राठौड का पुराना रिश्ता रहा है यह राजस्थान में आम चर्चा है इसलिए उन्हें कुछ भी बोलने से पहले अपनी कुंडली याद रखनी चाहिए।
गुर्जर ने डॉ किरोडीलाल मीणा व भाजपा के इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को ना​टक बताते हुए कहा है कि उन्हें याद रखना चाहिए कि राजस्थान पुलिस यूपी पुलिस के समान अपराधियों को बचाने का प्रयास नहीं कर रही है बल्कि राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए विषय टीम गठित कर दी है। इसके बावजूद मीणा और अन्य बीजेपी नेता घटिया राजनीति करने में मशगूल प्रदेश के नेताओ के साथ ही संबित पात्रा जो सदैव ही झूठे तथ्यों की राजनीति मीडिया के माध्यम से करते हैं उनके मुंह मे दही जमा हुआ था जब उत्तरप्रदेश में उनके नेताओ ने स्वयं ऐसे घिनोने कृत्यों को अंजाम दिया । आज तक किसी केंद्र के मंत्री और भाजपा नेता ने इसकी निंदा तक नही करी । राजस्थान में सवेंदन शील नेतृत्व सरकार और संगठन का नेतृत्व है जो कही भी कैसी की अनहोनी घटना हो सदैव पीड़ित के साथ खड़ा होता है । इस घटना की सभी निंदा करते है जरूरत है ऐसी घटनाओं की पुनावर्ती नही हो किन्तु भाजपा ने जो समिति नेताओ की जांच के बनाई वो घटना अलवर में हुई प्रदर्शन पहले सवाईमाधोपुर में कर हल्की लोकप्रियता राजनीति करने में लगे थी आज भाजपा इस मामले में सिर्फ राजनीति कर ही है । राज्य में 3 मंत्री केंद्र में है कोई भी अभी तक पीड़ित परिवार के पास नही पहुँचा ।आज चुनावो की मीटिंग में मौन रख झूठी सहानभूति बटोरना चाहते है ।पंजब कि इस बैठक अगर मोन रखना था तो शहीद हुए किसानों के लिए रखते । जिनकी शहादत आपकी नीतियों के कारण हुई है ।यह भाजपा नेताओं का ढोंग देश जान चुका है ।सादर जसवंत गुर्जर सचिव पीसीसी

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