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जयपुर। ऊर्जा राज्य मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह ने बुधवार को राज्य विधानसभा में सदन को आश्वस्त किया कि प्रदेश में जहां कहीं भी गारंटी अवधि में ट्रांसफार्मर खराब होंगे उनकी मरम्मत करने की बजाए वहां नए ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नए ट्रांसफार्मरों में सुरक्षा के पूर्ण उपाय भी किए जाएंगे। सिंह प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार सरकार ने फीडर इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम और मुख्यमंत्री विद्युत सुधार कार्यक्रम के तहत बिजली की व्यवस्था को दुरुस्त करने का प्रयास किया है। सरकार ने ढीले तारों को टाइट करने, टेढ़े खंबों को सीधा करने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक 11 केवी पर वैक्यूम सर्विस ब्रेकर लगाए गए हैं।

सिंह ने कहा कि जयपुर डिस्कॉम क्षेत्र में कुल 962 हादसे हुए। इनमें से 378 लोगों को मुआवजा दिया जा चुका है, 200 लोगों की जांच लंबित है और 384 आवेदनों को खारिज किया गया। उन्होंने कहा कि बिजली हादसों में सर्विसमैन के मारे जाने पर वर्तमन सरकार ने मुआवजा 10 से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि शेष बचे 200 प्रकरणों को भी आगामी दो महीनों में निस्तारित किया जाएगा। ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार सुधारात्मक उपायों के चलते फैटल एक्सीडेंट की संख्या में खासी कमी आई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्युत बोर्ड के नियमों के अनुसार ट्रांसफार्मरों में सर्किट ब्रेकर या फ्यूज लगे होने चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग ने जीएसएस 11 केवी पर वैक्यूम सर्किट ब्रेकर लगाए हैं।

सिंह ने कहा खातोलाई का दुखद हादसा 31 अक्टूबर 2017 को घटा। उस जगह की 10 मई, 2017 को मीटर रीडिंग ली गई। इस ट्रांसफार्मर पर 15 एचपी की बजाए 22 एचपी का लोड था। अधिक लोड होने और ऑयल डिकंपोजिशन ट्रांसफार्मर के फटने का कारण बना। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद सरकार नेे संबंधित एक्सईएन और एईएन को सस्पेंड कर दिया। ट्रांसफार्मर को जांच के लिए टेस्टिंग लैब भेज दिया गया और कंपनी को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मर की जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सरकार विद्युत से होने वाले हादसों को कम करने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि खातौलाई हादसे के बाद संभागीय आयुक्त द्वारा सुझाए गए सुधारात्मक उपायों को भी अमल में लाया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने प्रेशर रीलीज वाल्व, साइलेंट बर्जर और इंसुलेशन मेजर वाल्व की भी खरीद की है।

इससे पहले विधायक घनश्याम महर के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री ने जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में गत 4 वर्षों में ट्रांसफार्मर फटने एवं विद्युत लाइनों से घटित हादसों में मृतकों का नाम-पते-आयु एवं उनके आश्रितों को दिए मुआवजे का विवरण सदन की मेज पर रखा। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सभी हादसों की जांच करवाई जाती है एवं दोषी पाए जाने पर अधिकारियों या कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। उक्त प्रकरणों में दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण भी सदन के पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि उक्त प्रकरणों में ट्रांसफार्मर सप्लायर्स की गलती पाए जाने का कोई मामला अभी तक प्रकाश में नहीं आया है।

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