लखनऊ। आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के हमसफर और उनके वाहन के चालक रहे 117 वर्षीय कर्नल निजामुद्दीन का आज सोमवार तडके इंतकाल हो गया। उन्होंने आजमगढ़ के मुबारकपुर स्थित घर में अंतिम सांस ली। निजामुद्दीन के बेटे शेख अकरम ने मीडिया को बताया कि आज सुबह बाऊजी की मौत हो गई। कुछ दिनों से उनकी तबियत नासाज चल रही थी। सर्दी-जुकाम ने उन्हें जकड़ रखा था। हालांकि वे हमेशा स्वस्थ रहे। कभी कोई गंभीर बीमारी उन्हें छू नहीं पाई। अपने जीवन काल में निजामुद्दीन ने बताया था कि उनकी और नेताजी की पहली मुलाकात सिंगापुर में हुी थी, जहां नेताजी आजाद हिन्द फौज के लिए भर्ती कर रहे थे। उन्हें कर्नल की उपाधि नेताजी ने ही दी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि जब वे बर्मा में सुभाष चंद्र बोस के चालक थे, तब नेताजी पर जानलेवा हमला हुआ था। किसी ने नेताजी पर गोलियां चलाई थीं, जिसमें से एक निजामुद्दीन की पीठ पर लगी थी। यह गोली कैप्टन लक्ष्मी सहगल ने निकाली थी। निजामुद्दीन से नेताजी के परिवारजन भी मिलने आते रहे हैं, साथ ही लोकसभा चुनाव में पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें एक कार्यक्रम में सार्वजनिक अभिनंदन किया था।

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