नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में हिंसक प्रदर्शनों से विकट होते हालात और विरोध-प्रदर्शनों को काबू करने में विफल रहने पर वहां चल रही पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूट सकता है। कश्मीर के हालातों के चलते देश-दुनिया में बदनामी और भाजपा के खिलाफ माहौल को देख अब भाजपा गठबंधन से हट सकती है। संभवतया: गठबंधन तोड़कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। हालांकि खुफिया रिपोट्र्स और पार्टी नेताओं के आंकलन पर यह कयास लगाए जा रहे हैं। जल्द ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कश्मीर का दौरा करके वहां के हालात जानेंगे। उसके बाद ही पार्टी गठबंधन में रहने या हटने पर विचार कर सकती है। वैसे जम्मू कश्मीर भाजपा इकाई के अधिकांश नेता गठबंधन के खिलाफ बताए जाते हैं। भारतीय सेना, आरएसएस भी कश्मीर के गंभीर हालात को देखते हुए वहां की सरकार को फेल बता चुके हैं। वहां पीडीपी और भाजपा के बीच संबंध ठीक नहीं है। एक-दूसरे के खिलाफ बोलते रहते हैं और उनमें टकराव के हालात हैं। ऐसे में भाजपा कभी भी कोई बड़ा फैसला हो सकता है। वैसे आज दिल्ली में हो रही नीति आयोग की बैठक में जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा भी आई हैं। बैठक के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम महबूबा के बीच बातचीत हो सकती है, जिसमें कश्मीर के हालातों और गठबंधन के बारे में कोई फैसला हो सकता है। अगर महबूबा सामान्य हालात कर पाने का ठोस आश्वासन देती है तो कुछ दिनों की मोहलत मिल सकती है। अन्यथा वहां गठबंधन सरकार खतरे में बताई जाती है। भाजपा अपनी साख बचाने के लिए पीडीपी से नाता तोड़ सकती है।

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