– राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के मामले में राजस्थान में 15 और हरियाणा में 16 स्थानों पर छापेमारी की
जयपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार सुबह श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के मामले में राजस्थान में 15 और हरियाणा में 16 स्थानों पर छापेमारी की। शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौर से मिली अहम जानकारी के बाद जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई की। खबर लिखे जाने तक कार्रवाई जारी थी। एनआईए अधिकारियों को इस दौरान महत्वपूर्ण सबूत मिलने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि एनआईए टीम ने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड मामले में हरियाणा के महेंद्रगढ़ के दौंगड़ा जाट, गुढ़ा, पाथेड़ा और खुडाना गांव सहित रेवाड़ी के गांव भाडोर में भी छापेमारी की। इस दौरान आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एनआईए की टीम रेवाड़ी जिले के गांव भाडोर में नीरज के घर और रेवाड़ी के ही सती कॉलोनी में महेश सैनी के घर पहुंचीं। रेवाड़ी जिले का रहने वाला नीरज लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि एनआईए की कई घंटे चली जांच में कुछ पुख्ता सबूत भी मिले हैं। एनआईए की छापेमारी के दौरान टीम के पांच सदस्य मौजूद रहे। महेश सैनी पर रेवाड़ी और आसपास के जिलों में तीस से ज्यादा संगीन मामले दर्ज हैं। कुछ समय पहले ही तत्कालीन एडिशनल सेशल जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की कोर्ट ने उस पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए उसकी प्रॉपर्टी अटैच करा दी थी। महेश सैनी लंबे समय से फरार चल रहा है। कोर्ट उसे भगोड़ा घोषित कर चुका है। करीब 7 घंटे तक जांच एजेंसी की टीम ने महेश सैनी के सत्ती कॉलोनी स्थित घर पर छानबीन की। राजस्थान में 15 से ज्यादा ठिकानों पर एनआईए ने छापेमारी की। जहां जयपुर के खातीपुरा स्थित सुंदर नगर में शूटर रोहित राठौड़ के घर भी एनआईए की एक टीम पहुंची और सर्च की कार्रवाई को अंजाम दिया। फिलहाल आधिकारिक रूप से इस कार्रवाई को लेकर एनआईए ने कोई बयान जारी नहीं किया है। इसके साथ ही दोनों शूटर्स के संपर्कों को भी बारीकी से खंगाला जा रहा है। दोनों से लगातार बातचीत करने वाले उनके दोस्त और अन्य लोग भी एनआईए के राडार में हैं। संभावना जताई जा रही है कि एनआईए आगामी दिनों में इस हत्याकांड से जुड़े कुछ और नामों का खुलासा करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। हालांकि फिलहाल यह साफ नहीं हो पाया है कि छापेमारी में क्या सबूत एनआईए के हाथ लगे हैं। नितिन फौजी के सहयोगियों के घर भी छापेमारी हुई है। अधिकारियों को उम्मीद है कि हत्याकांड के पीछे कुछ और लोग भी हैं, जो जांच के दौरान सामने आए हैं। इन दोनों शूटरों का प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से उन लोगों के साथ संपर्क रहा है। एनआईए के पास में एक दूसरी स्टोरी है, जो इस हत्याकांड में कई चौंकाने वाले खुलासे कर सकती है। एनआईए, डीएसटी, चेन्नई और दिल्ली पुलिस की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अवैध हथियारों की सप्लाई में लिप्त लॉरेंस बिश्नोई गैंग के एक गुर्गे को राजस्थान के पिलानी से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित का नाम अशोक मेघवाल है, जिसे उसके गांव झेरली से पकड़ा गया है। आरोपित के पास से आठ हथियार जब्त किए गए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार तीस से ज्यादा हथियार आरोपित सप्लाई कर चुका है। पुलिस आरोपित अशोक से मामले को लेकर पूछताछ कर रही है। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के मामले में बुधवार सुबह एनआईए की टीम मकराना पहुंची। टीम ने मकराना पुलिस के साथ जूसरी गांव जाकर गोगामेड़ी की हत्या के आरोपित शूटर रोहित राठौड़ के घर की तलाशी ली और फिर आसपास के लोगों से भी पूछताछ की। इसके बाद घर को सील कर दिया।
-झारखंड खनन घोटाले को लेकर राजस्थान में ईडी की छापेमारी
झारखंड खनन घोटाले को लेकर राजस्थान में ईडी की छापेमारी चल रही है। ईडी की टीम राजस्थान में कई ठिकानों पर भी पहुंची है। झारखंड के साहिबगंज में डिप्टी कलेक्टर रामनिवास यादव के राजस्थान में कई ठिकाने हैं। यादव के जयपुर में निवास और कई दूसरे ठिकानों पर सुबह ईडी की टीमें छापेमारी कर रही हैं। राजस्थान ईडी की टीम को इस छापेमारी से अलग रखा गया है। रामनिवास झारखंड के साहिबगंज में डीसी के पद पर तैनात हैं। उनके जयपुर और दूसरे ठिकानों पर सुबह से ही ईडी की दिल्ली से आई टीमें छापेमारी करके दस्तावेज जब्त कर रही है। ईडी की टीमों ने स्थानीय स्तर पर किसी से संपर्क नहीं किया। प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध खनन से जुड़ें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रांची में भी मुख्यमंत्री के कुछ करीबियों के घर दबिश दी है। आईएएस और साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव, साहिबगंज के खोदनिया ब्रदर्स, झारंखंड सीएम के प्रेस सलाहकार, पूर्व विधायक पप्पू यादव और डीएसपी राजेंद्र दुबे के ठिकानों पर छापेमारी जारी है। सरफराज अहमद के इस फैसले की वजह को ठीक से समझने के लिए मुख्यमंत्री पर लगे अब तक के आरोप, ईडी की अब तक की पूछताछ और जमीन घोटाला मामले में जारी किए गए एक के बाद एक सात समन पर भी गौर करना होगा। चर्चा तेज है कि 7 समन के बाद भी सीएम सोरेन के ईडी के सामने पेश नहीं होने पर प्रवर्तन निदेशालय अब बड़ी कार्रवाई का मन बना रहा है। साल 2023 में निवार्चन आयोग से राजभवन पहुंचे बंद लिफाफे की खूब चर्चा रही। लिफाफा पहुंचने के बाद हेमंत सोरेन ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से बचने के लिए एक सप्ताह तक विधायकों को छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित एक रिसॉर्ट में ठहराया था। आज भी लिफाफे का रहस्य बरकरार है। भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पत्थर खनन लीज लेने को लेकर सवाल उठाया था। तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस से इस संबंध में शिकायत कर आरोप लगाया गया कि उनका यह काम गलत है। ऐसे में हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता निरस्त की जाए। राज्यपाल ने इसे तत्काल चुनाव आयोग के पास भेजकर राय मांगी थी। आयोग में सुनवाई की प्रक्रिया के बाद राजभवन को बंद लिफाफा मिला था। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा है कि अभी इसकी समीक्षा की जा रही है। चर्चा तेज है कि अब लिफाफा जल्द खुलेगा।। इस लिफाफे के खुलने के बाद हेमंत सोरेन की सदस्यता जा सकती है।

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