नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले सहारा और बिडला समूह की कंपनियों से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को करोड़ों रुपए के लेन-देन को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के आरोपों से चर्चा में आए इस मामले में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। कल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाकर पीएम नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला था तो आज पीएम मोदी ने राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह पर प्रहार किए। उधर, सुप्रीम कोर्ट में जमा सहारा की इस लेन-देन संबंधी डायरी में कई खुलासे छुपे हुए हैं। बताया जा रहा है कि सहारा की इस डायरी में 11 पेज ऐसे हैं जिसमें रकम के लेनदेन का जिक्र है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन 11 पेजों में पैसे लेने वालों में 100 से ज्यादा नेताओं के नाम दर्ज हैं और ये नाम शार्ट तरीके से लिखे हुए हैं। भाजपा, कांग्रेस, राजद, सपा, राकांपा, जेएमएम, जेवीएम, टीएमसी के नेताओं के नाम बताए जा रहे हैं। डायरी में दो पेज हस्तलिखित भी हैं। एसआईटी के एक अधिकारी का कहना है कि फ ाइल में कुछ नाम नकली हो सकते हैं। गौरतलब है कि 2013 से 2014 के बीच आयकर विभाग ने बिड़ला और सहारा समूह की कंपनियों के यहां छापे मारे थे। इन छापेमारी में कई अहम फ ाइलें बरामद हुई थीं। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण भी इन फ ाइलों की जांच की मांग की थी। फिलहाय ये फाइलें सुप्रीम कोर्ट में है। हस्तलिखित पेजों में 2010 में किए गए भुगतान का उल्लेख है। डायरी में पांच पेज ऐसे भी हैं जिसमें 2013 और 2014 के बीच प्राप्त हुए पैसे की जानकारी सारणीबद्ध की गई है। हालांकि विशेष जांच दल का कहना है कि डायरी के पन्ने और इसकी एंट्री नकली भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि सहारा के एक अधिकारी ने अपने बयान में भी कहा कि उसने यह एंट्री दूसरी कंपनियों के अधिकारियों को झांसे में लेने के लिए की थी।

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