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नयी दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आईएफएफआई की निर्णायक समिति (जूरी) के फैसले के विरुद्ध गोवा में इस महीने के अंत में होने वाले फिल्म महोत्सव के 48वें संस्करण से मलयाली फिल्म ‘एस दुर्गा’ और मराठी फिल्म ‘न्यूड’ को हटा दिया है। फिल्मों के निर्देशकों ने यह जानकारी दी। ये फिल्में पेनोरॉमा श्रेणी में दिखाई जानी थी। ‘एस दुर्गा’ के निर्देशक सनल कुमार शशिधरन और ‘न्यूड’ के निर्देशक रवि जाधव ने कहा कि इस फैसले से वह हैरान और हताश हैं।

जूरी के एक सदस्य ने मंत्रालय के फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा, ‘‘ जूरी के सुझाव अंतिम होते हैं और उनके साथ परामर्श के बगैर इन्हें बदला नहीं जा सकता। लेकिन मंत्रालय एक कदम आगे बढ़ गया और अपने स्तर पर ही दो फिल्मों को महोत्सव से हटा दिया। ’’ उन्होंने बताया कि ‘न्यूड’ तो इतनी अच्छी है कि सुजॉय घोष की अध्यक्षता वाली पेनोरॉमा की 13 सदस्यीय समिति ने महोत्सव की शुरुआत इसके प्रदर्शन के साथ ही करने का सुझाव दिया था। गोवा में 48वां अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 20 से 28 नवंबर को होना है।

उन्होंने ‘न्यूड’ को नारीवाद पर आधारित एक मजबूत फिल्म बताया जबकि ‘एस दुर्गा’ को महिलाओं की सुरक्षा का संदेश देने वाली फिल्म बताया। मलयाली फिल्म का असली नाम ‘सेक्सी दुर्गा’ है और इसने अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में कई पुरस्कार जीते हैं। शशिधरन ने बताया कि उन्हें मंत्रालय से इस बाबत कोई पत्र नहीं मिला है कि ‘एस दुर्गा’ को महोत्सव में जगह क्यों नहीं दी जा रही। उन्होंने पीटीआई…भाषा से कहा कि वह अदालत जाने के बारे में विचार कर रहे हैं। जाधव ने बताया कि यह जानने के लिए कि उनकी फिल्म को महोत्सव में शामिल क्यों नहीं किया गया, उन्होंने मंत्रालय को पत्र लिखा है। अब महोत्सव की शुरुआत विनोद कापड़ी की हिंदी फिल्म ‘पीहू’ के साथ होगी।

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