Mehsana disrupts BJP, dissatisfaction with PM's hometown

मेहसाणा/वडनगर। गुजरात में ऐसा आम तौर पर देखने को नहीं मिलता कि पिछले 22 सालों से सत्ता पर काबिज भाजपा का कार्यकर्ता आपको यह कहता मिल जाये कि इस बार पार्टी के लिये चुनावों में राह आसान नहीं है। अगर ऐसा कोई भाजपा कार्यकर्ता आपका मिल जाये वो भी प्रधानमंत्री के गृहनगर वडनगर में तो यह राज्य के इस हिस्से में असंतोष का स्पष्ट संकेत है। पार्टी यहां लगातार पांचवीं बार सत्ता में लौटने की कोशिश में जुटी है। भाजपा के पुराने कार्यकर्ता दीक्षित पटेल चिंतित हैं कि 2015 में आरक्षण को लेकर प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से नाराज पाटीदार समाज का गुस्सा चुनाव के दिन फूट सकता है। यह पार्टी के लिये मुश्किल खड़ी कर सकता है। प्रदेश में दूसरे चरण के लिये 14 दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिये ऐसा पूर्वाभास सिर्फ उनका ही नहीं है। मेहसाणा जिले में भाजपा के खेमे में माहौल तनाव का है। इस जिले में सात विधानसभा सीटें आती हैं। मेहसाणा और वडनगर दोनों मेहसाणा जिले में आते हैं, वडनगर जहां उंझा विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है वहीं मेहसाणा शहर (प्रदेश निर्वाचन कार्यालय की सूची में मेहसाणा) एक अलग विधानसभा क्षेत्र है। भाजपा कार्यकर्ता इस बात को लेकर आशंकित हैं कि पाटीदारों की नाराजगी पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है।

वे याद करते हुये कहते हैं कि यह सबकुछ मेहसाणा में दो साल पहले शुरू हुआ। जो हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के आंदोलन का केंद्र था। आरक्षण कि लिये किये गये प्रदर्शन ने हिंसक मोड़ ले लिया, लोग मारे गये। पाटीदार नेताओं को जेल भेज दिया गया और सरकार ने समुदाय के लिये आरक्षण की उनकी मांग पर अपने कान बंद कर लिये। उपर भले ही सब कुछ शांत लगे, अंदर ही अंदर आग अब भी सुलग रही है। दीक्षित ने कहा, ‘‘एक व्यक्ति हार्दिक से ज्यादा, पाटीदार आंदोलन का मुद्दा है जो पटेलों को जोड़ रहा है, खासकर युवाओं को। गुजरात में पटेल भाजपा का आधार हैं। पार्टी आज जो है वह हमनें बनाई है इसलिये यह स्वाभाविक है कि अगर वे हमारा पाला छोड़ते हैं तो इसका असर गहरा होगा।’’ पाटीदारों के बाहुल्य वाले इस इलाके में भाजपा के अधिकतर पदाधिकारी इसी समुदाय से आते हैं। फिर चाहे वह वडनगर में दीक्षित हों या अच्छी तरह से विकसित शहरी बसावट वाले मेहसाणा शहर में फाल्गुन पटेल, चिंता स्पष्ट है। मेहसाणा नगर पालिका में भाजपा के पार्षद फाल्गुन पटेल ने यह भी माना कि इस बार मुकाबला बेहद कड़ा है क्योंकि पटेल समुदाय में नाराजगी है। उन्होंने समुदाय के बारे में कहा इसे ‘‘खरीदा नहीं जा सकता’’।

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