जयपुर। जयपुर के ग्राम कलवाड़ा स्थित महेन्द्रा सेज में खोदी गई सड़क से अवरुद्ध हुए मामले में आखिरकार शुक्रवार को जेडीए महकमे नींद टूटी। सड़क के क्षतिग्रस्त होने से आम रास्ते के बाधित होने से हजारों की संख्या में ग्रामीणों को आवागमन में बाधा का सामना करना पड़ रहा था। इस मामले में ग्रामीणों ने पूर्व मंत्री गोपाल केसावत के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया तो जेडीए महकमे ने मामले की सुध ली। इस मामले में जेडीए जोन 11 के तहसीलदार भंवरसिंह ने पूर्व मंत्री गोपाल केसावत की मौजूदगी में जेईएन सुरेश तंवर, रामदयाल वर्मा, भगवान सहाय चौधरी, विमल मिश्रा, मनोज कुमार के साथ पूर्व निर्धारित कमेटी की बैठक ली। साथ ही विभिन्न मुद्दों पर मंथन किया। पूर्व मंत्री गोपाल केसावत ने बताया कि बैठक के दौरान कमेटी के अंतिम निर्णय लेने तक कलवाड़ा आबादी से अजमेर एनएच तक आम रास्ते के पूर्व की भांति संचालित रहने, महिन्द्रा सेज द्वारा प्रभावित गांवों के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने व उसके आंकड़े आगामी मीटिंग में प्रस्तुत करने, महेन्द्र सेज के सीएसआर फंड के कार्यों का विवरण कमेटी को देने, क्षतिग्रस्त हुई आम सड़क के पुन: निर्माण करने, पिल्लर हटाने, महिन्द्रा सेज द्वारा कलवाड़ा के खसरा नम्बर 827, 828, 838, 862 चारागाह भूमि का गजट नोटिफिकेशन उपलब्ध कराने सरीखे बिंदूओं पर चर्चा हुई। इस दौरान वंचित किसानों व ग्रामीणों को सेज व जेडीए पट्टे जारी करने के लिए मीटिंग में मुद्दा उठाया गया। केसावत ने बताया कि कमेटी 27 फरवरी को महिन्द्रा सेज के भौतिक सत्यापन के लिए दौरा करेगी। दौरे की रिपोर्ट
जेडीसी व राज्य सरकार को भेजी जाएगी। कमेटी की आगामी बैठक 3 मार्च को जेडीए जोन 11 में आहूत करने पर सहमति बनी। बैठक में किसानों ने महिन्द्रा सेज व जेडीए पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एमओयू में नियमानुसार महिन्द्रा सेज कार्य नही कर रहा है। विधानसभा द्वारा गठित कमेटी ने भी जो रिपोर्ट पेश की वो महिन्द्रा सेज के खिलाफ ही रही। इस दौरान चेतावनी दी गई कि बगरू क्षेत्र के ग्राम पंचायत भम्भौरी की ओर से प्रस्तुत जनहित याचिका पर समय रहते निर्णय नही हुआ तो ग्राम पंचायत कलवाड़ा के ग्रामवासी आंदोलन करने के साथ ही उच्च न्यायालय का द्वार खटखटएगें।

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