नई दिल्ली। अब तक अपने सस्ते और गुणवत्ता से परे उत्पादों के बल पर विश्व के बाजारों में पैठ बना चुके चीन के उत्पादों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेड इन इंडिया मुहिम ने हवा निकाल दी है। अपनी गुणवत्ता व भरोसे के बल पर भारतीय उत्पादों ने चीन को पछाड़ दिया है। मेड इन कंट्री की हाल ही जारी हुई रिपोर्ट ने इस बात पर मुहर भी लगा दी है। यूरोपीय संघ सहित विश्व के 49 देशों को लेकर सोमवार को जारी एमआइसीआइ-2017 के अनुसार उत्पादों की साख के लिहाज से चीन भारत से 7 पायदान पीछे है। इस सूचकांक में भारत को 36 तो चीन को 28 अंक मिले। जबकि 100 अंकों के साथ जर्मनी पहले तो स्विटजरलैंड दूसरे स्थान पर है। स्टैटिस्टा ने अंतरराष्ट्रीय शोध संस्था डालिया रिसर्च के साथ विश्व के 43,034 उपभोक्ताओं की संतुष्टि के आधार पर यह अध्ययन किया। इस सर्वे में गुणवत्ता, टिकाऊपन, एडवांस टेक्नोलॉजी, सुरक्षा मानक सहित कई मानकों का उपयोग किया गया। सर्वे में हुए खुलासे के बाद चीन की कलई भी खुल गई। जो मैन्युफैक्चरिंग में घटिया कच्चे माल का उपयोग करता है। न्यूनतम मजदूरी के बल पर उसने अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में सस्ता और गुणवत्ता से परे माल विश्व के बाजारों में उतारा। उसके उत्पाद गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतर सके। इस स्थिति में पीएम मोदी की मेड इन इंडिया मुहिम का असर रहा। जिसके चलते भारत के भरोसेमंद उत्पादों को सराहा गया। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने सत्ता में आने के साथ ही अपनी विभिन्न योजनाओं के मार्फत देश में मेड इन इंडिया को आगे बढ़ाया। जिसका असर मंगलयान सहित पनडुब्बी व सेटेलाइट क्षेत्र में देखने को मिला।

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