Kumar Vishwas
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– राकेश कुमार शर्मा
जयपुर। आम आदमी पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की आपसी मनमुटाव और फिर सुलह में किसी को फायदा हुआ हो या नहीं, लेकिन राजस्थान को एक स्टार प्रचारक जरुर मिल गया। आपसी कलह को शांत करने के लिए आप पार्टी ने कुमार विश्वास को राजस्थान प्रभारी की जिम्मेदारी दी है। कुशल वक्ता के तौर पर जाने वाले कुमार विश्वास का राजस्थान के कार्यकर्ता व जनता में खासा क्रेज भी है। उनका राजस्थान से खासा लगाव और जुड़ाव भी रहा है। उनका ससुराल चित्तौडग़ढ़ में है। उनकी कॉलेज शिक्षा और कुछ समय नौकरी भी राजस्थान में हुई है। बाद में कवि के तौर पर फेमस होने पर वे देश विदेश में चर्चित चेहरे हो गए। आम आदमी पार्टी को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनकी भी महती भूमिका रही है। शुरुआती दौर में पार्टी को मजबूती देने के लिए उनकी कुशल संगठन क्षमता, भाषणशैली और विपक्ष पर जोरदार तरीके से प्रहार शैली भी चर्चित रही। कार्यकर्ताओं के अलावा आम जनता में भी उनका खासा क्रेज है। वैसे भी राजस्थान के कार्यकर्ता और पार्टी नेता शुरुआत से ही कुमार विश्वास को राजस्थान का जिम्मा सौंपने की वकालत करते रहे हैं। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को अभी कुछ महीने पहले राजस्थान का प्रभारी बनाया था। इससे पहले विधायक संजय त्यागी राजस्थान के कामकाज को संभाल रहे थे। मनीष सिसोदिया के आने से पार्टी में थोड़ी बहुत एक्टिव हुई थी, लेकिन दिल्ली में ज्यादा वक्त देने के कारण यहां पार्टी कार्यकर्ताओं का जोश ठण्डा पड़ गया। अब कुमार विश्वास को जिम्मेदारी देने से कार्यकर्ताओं व नेता में खुशी है। कुमार विश्वास के पास दिल्ली सरकार में कोी जिम्मेदारी नहीं होने के कारण वे राजस्थान को पूरा वक्त भी दे सकेंगे। कुमार विश्वास भी चाहते थे कि उन्हें राजस्थान का प्रभार मिले। राजस्थान का प्रभारी बनाए जाने से संगठनात्मक तौर पर कमजोरी सी पड़ी आम आदमी पार्टी में ना केवल जोश आएगा, बल्कि एक कुशल वक्ता और तेजतर्रार नेता होने के कारण वे भाजपा-कांग्रेस को पूरी तरह से घेरने का माददा रखते हैं। राजस्थान में पार्टी कैसे आगे बढ़े और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन किस तरह से अच्छा रहा, इसके लिए उन्हें खासा राजनीतिक अनुभव है। राजस्थान में आप कार्यकर्ताओं की अच्छी टीम है, जो निस्वार्थ तौर पर कार्य भी कर रहे हैं। पहली बार आप राजस्थान को एक स्टार प्रचारक मिला है। अब देखना है कि कुमार विश्वास दिल्ली की तरह राजस्थान में भी आप पार्टी को ऊंचाई पर ले जा पाते हैं या नहीं? हालांकि कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि कुमार विश्वास के आने से पार्टी को मजबूती मिलेंगी और अब तेजी से राजस्थान में अपना वर्चस्व भी बढ़ा पाएंगी।
– कलह खत्म करने की कवायद..
वैसे आप पार्टी के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि कुमार विश्वास को राजस्थान का प्रभार देकर उन्हें शांत करने का प्रयास किया है। पार्टी नहीं चाहती है कि कोई नेता अब आप से जाए। इसके चलते पार्टी ने ना केवल विधायक अमानतुल्लाह को निलंबित किया है और उन्हें राजस्थान प्रभारी बनाकर तीखे तेवरों को शांत करने का प्रयास किया है। यह भी चर्चा है कि पंजाब, गोवा और एमसीडी चुनाव में हार को लेकर कुमार विश्वास व उनके समर्थक नेता गाहे-बगाहे पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे हैं। अब उन्हें ही एक बड़े प्रदेश का जिम्मा देकर पार्टी ने बड़ा दांव खेला है। इससे कुमार विश्वास के बागी तेवर ढीले पड़ेंगे, वहीं पार्टी नेतृत्व कैसे चलता है, उसका भी अनुभव होगा। अगर राजस्थान में पार्टी सफल नहीं होती है, उनके नेतृत्व क्षमता पर सवालिया निशान उठेंगे। अगर वे सफल होते हैं और राजस्थान में उनके नेतृत्व में पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती है तो आप पार्टी में ना केवल उनका कद बढ़ेगा, बल्कि वे केजरीवाल के समकक्ष आ सकते हैं और उन्हें ओर भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

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