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नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि पनामा पेपर्स से जुड़े मामलों में नोटिस जारी किये गए हैं और पैराडाइज पेपर्स मामले में जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है । सरकार सभी पहलुओं पर ध्यान दे रही है। जेटली ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि पनामा पेपर्स मामले की जांच सही दिशा में बढ़ रही है। कुछ लोगों के खाते गैर कानूनी है और उनका पता लगाकर कार्रवाई करने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि उनके एकाउंट कानूनी हैं और आरबीआई से इजाजत ली गई है । ‘‘जो प्रक्रिया पनामा पेपर्स मामले में अपनायी गई, वही प्रक्रिया पैराडाइज पेपर्स मामले में अपनायी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत वैध एवं अवैध तथा कानूनी एवं गैर कानूनी चीजों का पता लगाया जा रहा है, हम उसका पालन कर रहे हैं । पनामा पेपर्स से जुड़े एक सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि इसमें से कुछ खाते निष्क्रिय हैं जबकि कुछ ऐसे निष्क्रिय खाते हैं जिनका धनशोधन के लिए इस्तेमाल कर लिया जाता है। ऐसे खाते ‘स्लिपर सेल’ की तरह से काम करते हैं । हम इनसे जुड़े सभी पहलुओं पर ध्यान दे रहे हैं ।

उल्लेखनीय है कि पैराडाइज पेपर्स के दस्तावेज में 714 भारतीयों और इकाइयों के नाम हैं। पैराडाइज के कागजों में कर्ज समझौते, वित्तीय ब्योरे, ई-मेल, ट्रस्ट के कागजात और अन्य दस्तावेज शामिल है। ये दस्तावेज करीब 50 साल के हैं और इसे प्रतिष्ठित विदेशी विधि कंपनी एप्पलबी से हासिल किया गया है। इसके कार्यालय बरमुडा और अन्य जगहों पर हैं। आईसीआईजे की मीडिया सहयोगी इंडिया एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पैराडाइज पेपर्स में जिन भारतीयों के नाम है, उसमें बालीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन, फरार व्यवसायी विजय माल्या, कंपनियों के लिये जन संपर्क का काम करने वाली नीरा राडिया, संजय दत्त की पत्नी मान्यता, केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और राज्यसभा सदस्य आर के सिन्हा के नाम हैं। पनामा दस्तावेजों की जांच कर रहा बहु-एजेंसी समूह (एमएजी) ताजा सामने आए पैराडाइज दस्तावेजों की जांच की निगरानी करेगा। इस पर सीबीडीटी के चेयरमैन की अध्यक्षता वाला पुनर्गठित बहु एजेंसी समूह नजर रखेगा। इसमें सीबीडीटी, प्रवर्तन निदेशालय, रिजर्व बैंक तथा वित्तीय खुफिया इकाई के प्रतिनिधि शामिल हैं। पनामा दस्तावेज में आये भारतीयों के विदेशों में जमा धन की वैधता की जांच के लिये एमएजी का गठन पिछले साल अप्रैल में किया गया था।

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