Industrial, commercial electricity rates will fall down

नयी दिल्ली। वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें नीचे आने की संभावना है। राज्यों ने आड़ी सब्सिडी :क्रॉस सब्सिडी: को घटाने के लिए रूपरेखा बनाने का फैसला किया है। इस नीति को जनवरी, 2016 में संशोधित किया गया था। इसमें क्रॉस सब्सिडी को 20 प्रतिशत से नीचे लाने का प्रस्ताव है। क्रॉस सब्सिडी सबसे ऊंची और सबसे निचली दरों का अंतर होता है और इसमें एक तरह के उपभोक्ताओं से ऊंची दर वसूल कर दूसरे वर्ग को सस्ती दर पर बिजली सुलभ कराई जाती है।

वर्तमान में औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को अधिक दरों का भुगतान करना पड़ता है क्योंकि घरेलू, कृषि और अन्य उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी वाली दरों पर उपलब्ध कराई जाती है। फिलहाल कई ऐसे राज्य हैं जहां शुल्क स्लैब की संख्या 19 तक है। कल राज्यों और संघ शासित प्रदेशो के बिजली और नयी तथा नवीन ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में राज्यों में क्रॉस सब्सिडी के हिस्से को नीचे लाने पर सहमति बनी। बिजली मंत्रालय ने बयान में कहा कि राज्यों ने मार्च, 2018 तक क्रॉस सब्सिडी में कमी लाने के लिए रूपरेखा बनाने के प्रस्ताव पर सहमति दी।

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