नई दिल्ली। देश की प्रतिभाओं का लोहा अब विश्व जगत मानने लगा है। हाल ही राजस्थान निवासी मोनार्क शर्मा अमेरिका ने अपनी सेना में विशेषज्ञ के तौर पर नियुक्त किया था। वहीं अब तमिलनाडु निवासी 18 वर्षीय युवा रिफत शारुख ने अपनी बुद्धि कौशल के बल पर नासा को भी चकित कर दिया है। यहीं वजह है कि नासा ने रिफत को अपने स्पेस मिशन से जोड़ा है। रिफत पहले भारतीय हैं, जिसे नासा ने अपने एक्सपीरियमेंट मिशन से जोड़ा है। अपने मिशन में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा जून माह में दुनिया का सबसे छोटा व सबसे कम वजन वाले सैटेलाइट को लॉच किया है। इस सैटेलाइट को बनाया है तमिलनाडु निवासी 18 वर्षीय रिफत शारुख ने। रिफत ने 64 ग्राम वजन वाले इस सैटेलाइट का नाम मिसाइल मैन व देश के पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा है। रिफत अभी कक्षा 12वीं का छात्र है। अपने 240 मिनट के इस मिशन में कलामसैट महज 12 मिनट बाद अपने ऑर्बिट में स्थापित हो जाएगा। कलामसेट में रिफत ने कई तरह के सेंसर और सोलर पैनल लगाए हैं। रिफत ने बताया कि कलामसैट को उसने कॉर्बन फाइबर पॉलिमर से तैयार किया है, जो किसी स्मार्टफोन से बेहद हल्का है। इसे नासा के कॉन्टेस्ट क्यूब्स इन स्पेस व आई डूडल लर्निंग के तहत बनाया गया है। यह सैटेलाइट एक टेक्नोलॉजी डेमोन्सटेटर की तर्ज पर काम करेगा। रिफत ने बताया कि सैटेलाइन का निर्माण एक चुनौती भरा काम था। इसके लिए काफी अनुसंधान करना पड़ा।

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